असमः हथियारों के मुद्दे पर टकराव संभव
गुवाहाटी, 3 दिसंबरः असम सरकार सांस्कृतिक और परंपरागत जलसों के दौरान प्रदर्शित किए जाने वाले हथियारों जैसे धनुष-बाण और कटार का आकार तय करने के लिए एक नया कानून बना रही है.
असम सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने आज यहां यह जानकारी दी.उल्लेखनीय है कि गत 24 नवंबर को गुवाहाटी में एक रैली के दौरान आदिवासियों और स्थानीय लोगों के बीच संघर्ष में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और 250 से अधिक घायल हो गए थे. आदिवासी प्रदर्शनकारी धनुष-बाण और लाठियों से लैस थे. इसे आदिवासी समुदाय की परंपरा और संस्कृति से जोड़कर देखा जाता है.
इसी के मद्देनजर भविष्य में ऐसी हिंसक घटनाओं को रोकने के लिए राज्य सरकार नया नियम बना रही है. साथ ही सरकार ने किसी भी हिंसक प्रदर्शन से कड़ाई से निपटने का फैसला किया है. इस बीच आदिवासी छात्रों ने नाकेबंदी का आह्वान किया है.
शर्मा ने कहा कि सभी जिलाधिकारियों और जिला पुलिस अधीक्षकों को नाकेबंदी के दौरान सतर्क रहने और अपने क्षेत्रों में कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया गया है. उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक प्रदर्शन का विरोध नहीं किया जाएगा लेकिन किसी भी तरह की हिंसा या उकसावे की अनुमति नहीं दी जाएगी.
कैबिनेट मंत्री ने बताया कि कुछ शरारती तत्वों ने 24 नवंबर की घटनाओं की एक संपादित सीडी तैयार की है. उनकी योजना चाय बागानों में इसका प्रदर्शन करके उपद्रव पैदा करने की है. उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी को सीडी जब्त करने और दोषियों को गिरफ्तार करने का आदेश दिया गया है.