समाज को तोडने वाले शब्दों का प्रयोग ठीक नहीं .. सुरेन्द्र शर्मा
लखनऊ 02 दिसम्बर .वार्ता. जाने माने हास्य कवि सुरेन्द्र शर्मा ने आजकहा कि ऐसे शब्दों का प्रयोग ठीक नहीं है जिससे समाज में विभाजनपैदा होता हो इस लिहाज से फिल्म ..आजा नच ले ..के गाने से किसीसमुदाय विशेष के लिये की गयी टिप्पणी को हटा दिया जाना सही है
श्री शर्मा ने ..यूनीवार्ता.. के साथ बातचीत में मशहूर हिन्दी फिल्म अभिनेत्री माधुरी दीक्षित की नई फ्िल्म.आजा नच ले.के गाने में विवादास्पद टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर कहा उन्होंनें अभी तक गाना पूरी तरह से सुना नहीं है लेकिन इसके बारे में अखबारों और मीडिया में काफी कुछ कहा सुना गया है1 यदि किसी जाति या समुदाय विशेष के लिये किसी गाने में कुछ कहा गया है तो उसे हटा लेना ही ठीक है और फिल्म के निर्माता निर्देशक ने उस पंक्ति को हटा कर कम से कम एक अच्छा काम किया है
उन्होंने कहा कि.. मनोरंजन के नाम पर कुछ इलेक्ट्रानिक चैनलमर्यादा को ताक पर रख कर ऐसे कार्यक्रम दिखा रहे हैं जिससे समाज परगलत प्रभाव पडता है1 उन्होंने कहा कि किसी को भी समाज को तोडनेकी इजाजत नहीं दी जा सकती1 जो भी इस तरह का काम करता है उसपर पाबंदी लगना चाहिए
श्री शर्मा ने कहा कि संगीत ् कविता समाज को जोडने के लिए हैंतोडने के लिए नहीं1 ऐसे शब्दों के इस्तेमाल की छूट नहीं दी जानीचाहिए जिससे समाज के टूटने का खतरा पैदा हो1 इस पर गंभीरता सेविचार हो लेकिन राजनीति नहीं होनी चाहिए
उन्होंने कहा कि.. कुछ चैनल आज नग्नता दिखा रहे हैं जबकि पहले ऐसा नहीं होता था1 राजनीति ने तो राम के नाम का ही सत्यानास कर दिया 1.. श्री शर्मा कल रात लखनऊ महोत्सव में आयोजित कवि सम्मेलन में भाग लेने लखनऊ आये थे
त्यागी.शोभित लखमी1523वार्ता.