...
श्री अग्रवाल ने सरकार द्वारा सेवा कर लगाने और उसे लंबे समय तक जारी रखने कोभी अनुचित करार देते हुये कहा कि इसकीसूची तो बढती ही जा रही है1 सरकार को इस पर कहीं तो लगामलगानी ही चाहिये1 उन्होंने कहा कि सेवा कर वसूली के मामले मेंपारदशिता का भी अभाव है जिसके कारण भ्रष्टाचार बढ रहा है
उन्होंने अगि्रम कर वसूली को भी अनुचित ठहराते हुये कहा किउतना ही कर वसूल किया जाना चाहिये जितना बने1 श्री अग्रवाल ने कहा कि एक समय कहा जाता था कि देश में दूधकी नदियां बहती हैं लेकिन आज अगर यह कहा जाये कि देश के गलीकूचों मेंविदेशी मुद्रा बढ रही है तो कोयी अतिशयोक्ति न.न. होगी1 उन्होंने कहा कि विदेशों से निरंतर धन आ रहा है देखना यह है किइसका इस्तेमाल कस रुप में तथा कहां किया जा रहा है 1 श्री अग्रवाल ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था दुनिया की तेजी से बढती अर्थव्यवस्थाके साथ साथ विकास की सीढियां चढ रही हैं जो स्वागत योग्य है1 समस्या यह है कि विकास का लाभ गरीब लोगों को नहीं मिल पाताऔर केवल सीमित लोगों तक ही सिमट कर रह जाता है1 उन्होंने कहाकि यक्ष प्रश्न यही है कि विकास का लाभ देश की गरीब जनता तक कैसे पहुंचे1 समाजवादी पार्टी के ब्रज भूषण तिवारी ने सरकार से जानना चाहाकि क्या वह खर्च का अंदाजा नहीं लगा पा रही है जिसके कारण उसे बारबार मांगे लेकर सदन में आना पड रहा है
श्री तिवारी ने सरकार की आर्थिक नीतियों की आलोचना करते हुयेकहा कि छोटे छोटे उद्योगों और कारोबारियों को राहत देकर लाभपहुंचाने के बजाये अधिक धन अमीरों को राहत देने पर व्यय किया जा रहा है1 उन्होंने कहा कि सरकार देशी विदेशी पूंजीपतियों के प्रति नरम रुख अपनाती है जबकि किसान और मेहनतकशों पर कम ध्यानदेती है1 उन्होंने कहा कि सरकार गन्ना किसानों को आसान रिण और रियायतें देने के बजाये चीनी मिल मालिकों को ब्याज मुक्त रिण देने पर विचार कर रही है1 आरती.संजीव.राणा 1332जारी.वार्ता