असम में आदिवासी हिंसा की सीबीआई जांच का आदेश
गुवाहाटी.01 दिसंबर.वार्ता. असम के मुख्यमंत्री तरूण गोगोई ने गुवाहाटी में हाल में स्थानीय लोगों और आदिवासियों के बीच भडकी हिंसा की केन्द्रीय जांच ब्यूरो .सीबीआई. से जांच कराने का आदेश दिया है 1पिछले सप्ताह भडकी इस हिंसा में एक व्यकि्त की मौत हो गयी थी और तकरीबन 250 लोग घायल हुए थे
मुख्यमंत्री ने आज यहां संवाददाताओं से कहा कि राज्य सरकार सीबीआई से इस पूरे मामले की विस्तृत जांच कर जल्द ही अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहेगी
उन्होंने कहा कि हिंसा रोकने में पुलिस की विफ्लता निसंदेह रूप से एक बडा कारण रही है क्योंकि अगर ऐसा नहीं होता तो हिंसा इतने व्यापक रूप से नहीं फ्ैलती1उन्होंने कहा कि उन्हें इस हिंसा के पीछे षडयंत्र की बू आ रही है क्योंकि आदिवासियों के शांतिपूर्ण प्रदर्शन के अचानक उग्र रूप लेने के पीछे कोई वजह जरूर रही होगी और हो सकता है इसके जरिए राज्य सरकार की छवि धूमिल करने की कोई साजिश की गयी हो
मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि विपक्षी असम गण परिषद् इस मामले को राजनीतिक लाभ के लिए भुनाने की कोशिश में लगी है1उन्होंने सभी समुदायों से शांति और सौहार्द बनाने रखने की अपील करत ेहुए कहा कि कुछ ..शरारती तत्वों.. के कारण समूचे आदिवासी समुदाय को दोषी ठहराना उचित नहीं होगा
मुख्यमंत्री ने हिंसा के दौरान एक आदिवासी लडकी को निवस्त्र किए जाने की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि जिन लोगों ने ऐसा किया है उन्हें सख्त से सख्त सजा दी जाएगी1उन्होंने इसके साथ ही पीडित लडकी को एक लाख का मुआवजा देने और सरकार की आेर से उसकी शिक्षा का पूरा खर्चा उठाने का आश्वासन देते हए कहा कि हालांकि पैसे से उसका खोया सम्मान तो वापस नहीं आ सकता लेकिन फ्िर भी सरकार अपनी तरफ् से उसे राहत देने की हरसंभव कोशिश करेगी
इस बीच सरकार ने आरक्षण की मांग करने वाली छह आदिवासी जातियों कोच राजबंशी.अहोम.मोरान.चोतिया.और मोट्टोक के लिए एक विशेष पैकेज की घोषणा करते हुए कहा है कि आरक्षण की उनकी मांग पर विचार के लिए जल्द ही एक विशेषज्ञ समिति गठित की जाएगी जिनमें उनका भी प्रतिनिधित्व होगा
गौर तलब है कि राज्य सरकार की आेर से इन आदिवासियों को आरक्षण दिए जाने की पुरजोर सिफ्ारिश किए जाने के बावजूद यह मामला अभी तक केन्द्र के पास विचाराधीन है
मधूलिका सत्या लखमी1730वार्ता श्री गोगोई न