संसद. परमाणु समौता चर्चा छह लोस..
चर्चा छह लोस.. परमाणु करार की जोरदार वकालत करते हुये कांग्रेस के सचिनपायलट ने कहा कि वाम दलों के विरोध से वह सहमत नहीं है. लेकिनयह उनका वैचारिक ढ है और वह उनका सम्मान करते हैं1 पर उनकाकहना था कि .करार पर भाजपा के विरोध से एक बार फिर उसका दोहराचरित्र उजागर हो गया है. क्योंकि इसी दल की अगुवाई वाले राजग केशासन के दौरान अमरीका से सामरिक सोदारी की दिशा में कदमबढाया था
श्री पायलट ने कहा कि इस करार से परमाणु परीक्षण करने औरभारतीय जरत के हिसाब से कितने भी सामरिक परमाणु प्रतिष्ठानबनाने के हमारे अधिकार पर भी कोई आंच नहीं आने वाली. लेकिनआरोप लगाया कि भाजपा नीत पूर्ववर्ती सरकार तो इसके लिये परमाणुपरीक्षण पर रोक लगाने का वचन देने तक को भी तैयार थी1 उन्होंनेवामपंथी दलों को भी आडे हाथों लेते हुये कहा कि वाम शासित केरलतथा पश्चिम बंगाल में विदेशी निवेश का तो वे स्वागत करते हैं. लेकिनअन्य राज्यों में इसी को वे साम्राज्यवादी विस्तारवाद के आगे घुटनाटेकना बताने लगते हैं
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के सी के चंद्रप्पन ने परमाणु करार पर वामविरोध दुहराते हुये कहा कि यह बराबरी पर आधारित नहीं है. परमाणुऊर्जा की खातिर इस करार की जरत के तमाम दावे खोखले हैं. क्योंकिइससे देश में कुल ऊर्जा उत्पादन का केवल सात प्रतिशत मिल सकेगाऔर वह भी सामरिक सोदारी. विदेश नीति आदि संबंधी हमारे संप्रभुअधिकारों की भारी बलि देकर ही संभव होगा
राजेश समरेन्द्र जगबीर1804जारी वार्ता