भारत की प्राचीन व्यवस्था में विज्ञान का बोलबाला
भोपाल ् 24 नवम्बर .वार्ता. विज्ञान भारती बेंगलूर के अध्यक्ष प्रोफेसरके.आई. वासु ने कहा कि भारत की प्राचीन व्यवस्था में विज्ञान काबोलबाला था जिसकी लक यहां के सामाजिक ्् आर्थिक औरराजनीतिक व्यवस्था में दिखाई देती है
प्रो. वासु ने आज यहां भारतीय विज्ञान सम्मेलन 2007इतिहासविद् धर्मपाल के सम्मान में आयोजित .. प्लेनरी सत्र.. में कहाकि भारत की वैज्ञानिक धरोहर में अध्यात्म और भौतिकता का अनूठासमन्वय है
उन्होंने कहा कि भारत की वैज्ञानिक धरोहर के कायोंर्ं को बढानेमें इतिहासविद् तथा लेखक धर्मपाल ने आगे बढाया है
एसआईडीडीएच के पवन गुप्त ने वल्र्ड बैंक का हवाला देते हुयेकहा कि देश में हर साल 10 लाख स्नातक तैयार होते हैं ्लेकिन इनमेंसे 90 प्रतिशत किसी कार्य के योग्य नहीं है1 उन्होंने कहा कि आज लोगअवलोकन करना भूल गये हैं और तर्क के चक्कर में फंस चुके हैं1 उन्होंने कहा कि प्राचीन विज्ञान में अवलोकन के आधार पर सटीकअनुमान लगाये जाते थे जिन्हें बाद में परम्परा से जोडकर अंधविश्वासोंकी टोकरी में डाल दिया गया1 अजय.सत्यासुनील2240जारी वार्ता