श्री पाटिल ने कहा कि ऐसे भी सुाव मिले हैं कि सेज आदि के लिए
अगर जरूरत 100 एकड जमीन की होती है तो अधिग्रहण एक हजारएकड भूमि का कर लिया जाता है1 उन्होंने कहा कि इस नीति में यहव्यवस्था होगी कि समुचित जगह का अधिग्रहण किया जाए और अगरजरूरत से अधिक जमीन ली जा रही है तो यह शपथ ली जाए कि भविष्यमें उस जगह को बेचा गया तो मुनाफे में हिस्सेदारी मूल मालिक भी होगा
मनोनीत सदस्य डा बिमल जालान ने सुाव दिया कि पूरी सेज कीअवधारणा पर ही नए सिरे से विचार की जरूरत है. क्योंकि भारत मेंइसका दूसरे देशों के मुकाबले बिल्कुल उलट ढंग से लागू किया जा रहाहै1 उन्होंने कहा कि विदेशों में सरकार तय करती है कि सेज कहांस्थापित होगा और उसका मकसद क्या होगा और तब उद्योगों सेप्रस्ताव आमंत्रित किए जाते हैं1 लेकिन भारत में निजी लोगों को अपनेप्रस्ताव देने के लिए कहा जा रहा है और वे तय करते हैं कि उन्हें सेजकहां स्थापित करना है1 उन्होंने कहा कि इस उलट नीति के कारण हीसारी समस्याएं पैदा हो रही हैं1 कौशिक समरेन्द्र मनोरंजन 1519 वार्ता.