छठ आज पूरे विधि-विधान के साथ मनाया जा रहा है
पुत्र
प्राप्ति,
समृद्धि
एवं
मंगलकामना
का
पर्व
छठ
आज
पूरे
विधि-विधान
के
साथ
मनाया
जाएगा.
छठ
माता
एवं
सूर्य
देवता
को
समर्पित
इस
पर्व
के
लिए
छठघाट
सज-संवरकर
तैयार
हो
गया
है।
पिछले
पखवाड़े
से
ही
घाट
पर
साफ-सफाई
एवं
व्यवस्था
बनाने
निगम
ने
अपनी
पूरी
ताकत
झोंक
दी
थी।
यहां
जूनो
लाइट,
फव्वारों
के
साथ
आकर्षक
विद्युत
सज्जा
भी
की
गई
है.
छठपूजा के बारे में मान्यता है कि जो भी सच्चे मन से छठ माता की आराधना करता है, उसकी मनोकामना अवश्य पूर्ण होती है. आमतौर पर अन्य पर्वो में किसी भगवान की मूर्ति को प्रतीक मानकर पूजन किया जाता है, परंतु छठ में सूर्य देवता की प्रत्यक्ष पूजा की जाती है. व्यावसायिक एवं अन्य कारणों से बड़ी संख्या में यहां आकर बस चुके बिहार एवं उत्तर प्रदेश के मूल निवासियों द्वारा मनाए जाने वाला यह पर्व धीरे-धीरे छत्तीसगढ़ की संस्कृति में भी मिलता जा रहा है. बड़ी संख्या में स्थानीय लोग भी इस अवसर पर छठघाट में जाते हैं. यह एकमात्र पूजा है, जिसमें पहले डूबते हुए फिर उगते सूर्य की पूजा की जाती है. इस पूजा में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है.
गेहूं
के
आटे
और
गुड़
को
मिलाकर
बनाए
जाने
वाले
ठेकुआ,
टिकरी
आदि
के
लिए
गेहूं
को
धोकर
सुखाया
जाता
है,
इसे
चिड़िया
आदि
से
बचाने
के
लिए
बाकायदा
व्यवस्था
भी
की
जाती
है.
इसमें
चढ़ाया
जाने
वाला
प्रसाद
पूरी
तरह
घर
में
ही
बनाया
जाता
है . मान्यता
है
कि
छठपूजा
के
प्रसाद
में
किसी
भी
प्रकार
की
अशुद्धि
की
तत्काल
दैवीय
सजा
मिलती
है. इस
साल
पिछले
वर्ष
की
तुलना
में
काफी
लोगों
के
पूजा
में
आने
की
संभावना
है,
इसे
देखते
हुए
विशेष
प्रबंध
किया
गया
है.