मनमोहनः रुस दौरे से नई सामरिक सझेदारी
मास्को, 10 नवम्बरः प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने रूस के साथ द्विपक्षीय सामरिक सझेदारी की नयी ऊंचाइयां हासिल करने की आशा व्यक्त करते हुए आज कहा कि दोनों अर्थव्यवस्थाओं के तीव्र विकास से द्विपक्षीय सहयोग विशेषकर ऊर्जा सुरक्षा के क्षेत्र में नये अवसर पैदा होंगे.
रविवार से शुरु हो रही रूस की अपनी प्रस्तावित यात्रा से पहले रूसी समाचार एजेंसी रिया नोवोत्सी के साथ साक्षात्कार में डॉ. सिंह ने कहा कि भारत के विदेश संबंधों में रूस का विशेष और अनूठा स्थान है. समय की कसौटी पर खरे उतरे हमारे संबंध द्विपक्षीय विश्वास और आपसी समझदारी पर आधारित हैं. उन्होंने कहा कि पिछले साठ साल के दौरान दोनों देशों के करीबी रिश्ते रहे हैं.
आज भारत और रूस सामरिक साझेदार हैं. हमारे भू-राजनीतिक हितों में हमेशा काफी कुछ सामान्य रहा है. राष्ट्रपति पुतिन ने वर्ष 2000 में भारत की पहली यात्रा के दौरान शिखर स्तर पर सालाना विचार विमर्श की प्रणाली कायम की थी जिसके जरिए सभी स्तरों पर हमारे बीच व्यापक सम्पर्क है. उन्होंने रूस के साथ परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग जारी रखने पर बल देते हुए कहा कि भारत अपने ऊर्जा स्रोतों को विविध इस्तेमाल करने जा रहा है.
हमारी 2020 तक बीस हजार मेगावाट परमाणु ऊर्जा का उत्पादन करने की योजना है. अंतरराष्ट्रीय असैन्य परमाणु ऊर्जा सहयोग से हम परमाणु ऊर्जा का उत्पादन बढ़ाने में सक्षम होंगे. प्रधानमंत्री ने भारत रूस सामरिक सझेदारी में रक्षा सहयोग को अनिवार्य तत्व बताते हुए कहा कि रूस एकमात्र देश है जिसके साथ सैन्य तकनीकी सहयोग के लिए अंतर सरकारी आयोग की हमारी औपचारिक प्रणाली है.
इसके तहत दोनों देशों के रक्षामंत्रियों की अध्यक्षता में प्रतिवर्ष बैठक होती है. डॉ.सिंह ने कहा कि कई रक्षा सौदे क्रियान्वित होने के विभिन्न चरणों में हैं. रूस के साथ भारत की सामरिक सझेदारी को मजबूत बनाने में संयुक्त शोध. विकास और उत्पादन तथा रक्षा उपकरणों का उत्पादन अहम भूमिका निभाते रहेंगे.