लोकचियमद्वितीया स्नान दो अंतिम मथुरा..
ा स्नान दो अंतिम मथुरा.. यम द्वितीया पर यमुना के विश्राम घाट पर भाई बहन साथसाथयमुना में डुबकी लगाते हैं1 मान्यताओं के अनुसार भगवान भुवनभास्कर देव की पत्नी ने पुत्र यमराज और पुत्री यमुना को जन्मदिया था1 यमराज ने एक बार अपनी बहन यमुना के पास जाने कानिश्चय किया1 कार्तिक शुक्ल द्वितीया के दिन यहां पहुंचे यमराज ने बहन कीखातिरदारी से प्रसन्न होकर कहा कि यम द्वितीया के दिन जो भाईबहन साथसाथ यमुना में विश्राम घाट पर स्नान करेंगे उन्हें यमपुरी नहींआना पडेगा1 उसके बाद से लोग कार्तिक शुक्ल द्वितीया के दिन अपनीबहन के साथ यमुना में विश्राम घाट पर स्नान करते हैं और बाद में घाटकिनारे बने मंदिर में यमराज और यमुना का पूजन करते हैं 1 यमुना स्नान करने वाला हर तीर्थयात्री यहां स्थित विख्यातद्वारकाधीश मंदिर में अवश्य दर्शन करता है इसलिए मंदिर में दर्शनार्थियोंके लिए विशेष व्यवस्था की गयी है1 चूंकि लाखों भाई बहन इस अवसरपर साथ साथ स्नान करते हैं इसलिए स्नान को सकुशल सम्पन्न कराना प्रशासन के लिए चुनौती होती है1 यमद्वितीया पर होने वाले स्नान के लिए अधिकांश तीर्थयात्री आचुके हैं जबकि कुछ अभी भी आ रहे हैं 1यमुना किनारे की धर्मशालाएं तीर्थयात्रियों से लगभग भर चुकी हैं और विश्राम घाट के आसपास अभी से मेले जैसा दृश्य है
सं.अमित राम1339वार्ता.