विदेश.पाकिस्तान इफ्तिखार चौधरी दो अंतिम इस्लामाबाद
अपना सेलफोन ठप्प किये जाने से पहले जस्टिस चौधरी ने कहा कि कुर्बानी देने का वक्त आ गया है 1उन्होंने उम्मीद जतायी कि एक दिन पाकिस्तान में संविधान का वर्चस्व होगा और तानाशाही का नामोनिशां नहीं होगा
अपदस्थ न्यायाधीश को कल सूचित किया गया कि अगले कुछ दिनों में उन्हें क्वेटा भेजा जा सकता है1उन्हें बताया गया कि यदि वह जाने से इंकार भी करेंगे तो भी उन्हें एक या दो दिन में इस्लामाबाद छोडना ही पडेगा1हालांकि जस्टिस चौधरी अपने शुभचिंतकों को इसकी इत्तिला देने में कामयाब रहे हैं
उनके शुभचिंतकों ने बताया कि जस्टिस चौधरी ने कहा है कि अपने देश की खातिर वह कोई भी कुर्बानी देने को तैयार हैं1 उन्होंने कहा कि वह संविधान के वर्चस्व और कानून के शासन के तहत लोकतांत्रिक समाज की स्थापना के लिये वकीलों और देशवासियों के संघर्ष में उनके साथ हैं
जस्टिस चौधरी और कम से कम 11 अन्य न्यायाधीशों को राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ की आेर से जारी अस्थायी संवैधानिक आदेश के तहत शपथ लेने से इंकार करने के कारण काम करने से रोक दिया गया है1वे सभी इन दिनों घरों में नजरबंद हैं
रीता .संजीव.राणा 160
वार्ता