सीमा प्रहरी के काव्य संग्रहों का प्रकाशन
जैसलमेर 7 नवबंरः सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के डिप्टी कमाडेंण्ड जयबहादुर सिंह राणा ने सीमाओं की रक्षा के दायित्व को निभाने के साथ दो काव्य संग्रहों के माध्यम से अपनी काव्य क्षमता प्रदशित की है.
रामगढ क्षेत्र में पन्द्रहवी बटालियन में कार्यरत जयबहादुर सिंह राणा के काव्य संग्रह सामाजिक दर्पण तथा जिंदगी का राज में जीवन के विविध पहलुओं को उजागर किया गया है. दो दशकों से साहित्य सृजन में जुटे राणा "जीवन के उस पार" नामक तीसरी पुस्तक लिख रहे है.
सामाजिक दर्पण काव्य संग्रह में इंसानियत, खुदगर्ज, नरकंकाल, वीरों का इतिहास, इन्सा से इन्सा का नाता, चमन के मोती, बंधन अमन का संदेश, अमर प्रेम की बेल, लहू की कीमत, रंज ओ गम शीर्षक रचनाएं मानव जीवन के प्रत्येक पहलु का सजीव चित्रण करती है.
इसी तरह जिंदगी का राग पुस्तक में सीमा प्रहरी, जख्म जो भरे नहीं, प्राकृतिक छटास, सतयुगी इंसान, बेदर्द सौगात, दिग्भ्रमित मानव, मेरे प्रियतम, राहें जीवन की, बिखरती जिंदगी,समय चक्र,बिलखता बचपन, भ्रूण हत्या इत्यादि सामाजिक बिखराव इत्यादि ज्वलंत मुद्दों पर करारा प्रहार किया गया है.