कच्चे तेल की कीमत 100 डॉलर प्रति बैरल
नई दिल्ली 2 नवंबरः अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतें एक बार फिर उछाल पर हैं. तेल की कीमत 100 डॉलर प्रति बैरल की सीमा पार करने जा रही है. इससे पहले हाई स्पीड डीजल और जेट फ्यूल जैसे रिफाइंड पेट्रोलियम प्रॉडक्ट के दाम इस सीमा को पार कर चुके हैं. कीमतों में हो रही बढ़ोतरी से परेशान सरकार ने पहले से घाटे में चल रहीं पब्लिक सेक्टर की तेल कंपनियों पर बोझ कम करने के उपायों ढ़ूंढना शुरू कर दिया है. हालांकि खुदरा तेल कीमतों में फिलहाल कोई बढ़ोतरी नहीं होने जा रही.
अंतरराष्ट्रीय बाजार की इस महंगाई का ऑयल मार्केटिंग कंपनियों पर क्या प्रभाव पड़ सकता है और इसे कैसे कम किया जा सकता है इन मुद्दों पर चर्चा करने के लिए पेट्रोलियम मंत्री मुरली देवड़ा ने वित्त मंत्री पी. चिदंबरम से मुलाकात की. पेट्रोलियम मंत्री ने बताया कि हमने कई विकल्पों पर विचार किया है. पेट्रोलियम मंत्रालय के सीनियर अधिकारियों ने कहा कि फिलहाल पेट्रोल और डीजल की कीमतों में इजाफा करने का मंत्रालय की तरफ से कोई प्रस्ताव नहीं है. सूत्रों के मुताबिक तेल कीमतों के बढ़ने का तत्कालिक असर विमानों के किराए पर देखा जा सकता है.