प्रधानमंत्री और मेरे बीच कोई प्रतिस्पर्धा नहीं. सोनिया
नयी दिल्ली 12 अक्टूबर .वार्ता. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व में पूरी आस्था जताते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज उनकी सरकार को पूरे नम्बर दिए और यह साफ भी कर दिया उनके बीच कोई आपसी प्रतिस्पर्धा नहीं है1 प्रधानमंत्री के साथ .बढिया कामकाजी रिश्ते. होने की बात पर जोर देते हुए श्रीमती गांधी ने कहा यहां हिंदुस्तान टाइम्स द्वारा आयोजित प्रश्नोत्तर सत्र में कहा कि वह सरकार के कामकाज में कोई दखल नहीं देतीं क्योंकि शासन चलाने के लिए एक सुस्पष्ट नीति और कार्यक्रम तय है1 श्रीमती गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री पद के लिए उनके जेहन में सिर्फ डा. मनमोहन सिंह का नाम ही था1 उन्होंने साफ किया कि उप प्रधानमंत्री बनाने की बात उन्होंने कभी नहीं सोची1 यह पूछने पर कि क्या वह उप प्रधानमंत्री की व्यवस्था रखना चाहती थीं. उन्होंने कहा.. कभी नहीं1 इस बात पर मैने कभी गौर ही नहीं किया1. संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की अध्यक्ष ने कहा..मैं और प्रधानमंत्री मिलकर काम करते हैं1 हम एक दूसरे के प्रतिस्पर्धी नहीं हैं1 हम बहुत बेलाग .फ्रेंक. अंदाज में काम करते हैं1 क्या आप सरकार के कामकाज से संतुष्ट हैं. इस सवाल पर संप्रग अध्यक्ष ने कहा.. बिलकुल संतुष्ट हूं1 इसके लिए मैं प्रधानमंत्री की तारीफ भी करना चाहती हूं1 बहुत कुछ करना बाकी है लेकिन हम गठबंधन में काम कर रहे हैं और इसे देखते हुए मैं जरूरत से ज्यादा संतुष्ट महसूस करती हूं1. श्रीमती गांधी ने कहा कि देश की आर्थिक प्रगति पर उन्हें गर्व है लेकिन जब तक देश में गरीबी के बडे बडे टापू मौजूद है तब तक हम प्रगति की डींगे कैसे हांक सकते हैं1 उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जनतांति्रक गठबंधन की सरकार के दौरान यही हुआ था जब इंडिया शाइनिंग का नारा दिया गया था1 उन्होंने कहा कि भारत कुछ ही लोगों के लिए चमक रहा था1 संप्रग सरकार ने अधिक से अधिक लोगों को विकास से जोडने की कोशिश की है1 श्रीमती गांधी ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि मौजूदा सरकार ने अभी तक कोई गलती की है1 उन्होंने यह अवश्य माना कि महिलाओं को लोकसभा और विधानसभाओं में 33 प्रतिशत आरक्षण अभी तक नहीं दे पाने का उन्हें अफसोस है और यह उनकी सबसे बडी निराशा है1 अलबत्ता उन्होंने इस बारे में भी आशा नहीं छोडी है1 एक प्रश्न के उत्तर में कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि राष्ट्रपति के चुनाव में श्रीमती प्रतिभा पाटिल पर लगाए जा रहे आरोपों को देखते हुए उन्होंने उम्मीदवार बदलने की कभी नहीं सोची थी1 उन्होंने कहा.. मैं इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री से भी मिली थीं और उन्होंने भी कहा था कि इस सबका हर सूरत में सामना करेंगे1. निर्णय लेने के तौर तरीकों के बारे में पूछने पर श्रीमती गांधी ने कहा.. मैं अपने सहयोगियों के साथ परामर्श करती हूं1 कार्य समिति के सदस्य और समिति के बाहर के पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से भी विचार विमर्श होता है1 लेकिन उन्होंने कहा कि परामर्श का यह सिलसिला किन्हीं व्यक्तियों तक सीमित नहीं है1 कौशिक अजय जगबीर1524वार्ता