भारत को दक्षिण एशिया का नेतृत्व करना चाहिए..राजपक्षे
नयी दिल्ली.13अक्तूबर.वार्ता1श्रीलंका के राष्ट्रपति महिंद्र राजपक्षे ने कहा है कि भारत को दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संघ के साथ साथ समूचे दक्षिण एशियाई क्षेत्र का नेतृत्व करते हुए पडोसी देशों को यह संदेश प्रेषति करना चाहिए कि वह उनके लिए एक खतरा नहीं बल्कि विकास का एक अवसर है
हिन्दुस्तान टाइम्स लीडर शिप समिट में आज यहां ..क्षेत्रीय परिपेक्ष्य में भारत .पडोसी की नजर में ..विषय पर बोलते हुए श्री राजपक्षे ने कहा कि मौजूदा राजनीतिक सूबू के दौर में भारत के सामन े खुद को पडोसी देशों के लिए एक खतरा नही बल्कि उनके लिए अवसर का एक क्षेत्र के रूप में पेश करने की सबसे बडी चुनौती है
श्रीलंका के राष्ट्रपति ने कहा कि भारत की आर्थिक समृद्धि और सैन्य क्षमता का पडोसी देशों के बीच यही संदेश जाना चाहिए
उन्होंने कहा कि पिछले 60 वषो का अनुभव यह बताता है कि नित आने वाली नयी चुनौतियों का घरेलू समाधान ही भारत जैसे लोकतंत्र के सफ्ल रहने का मूलमंत्र हैं
उन्होंन ेकहा कि श्रीलंका ने भी आतंकवाद समेत सभी समस्याओं से निबटने के लिए यही तरीके अपनाए हैं और उसे इसमें कुछ हद तक सफ्लता भी मिली है1 उन्होंने कहा कि उनकी सरकार एक आेर आतंकवाद से लडने के प्रति कटिबद्ध है वहीं दूसरी और वह देश की जातीय समस्या के समाधान के लिए परस्पर बातचीत के प्रयास भी समान रूप से जारी रखे हुए है
इस सवाल पर कि क्या श्रीलंका तमिल विद्रोहियों से निबटने में भारत की आेर से सहायता चाहता है श्री राजपक्षे ने कहा ..हमें उनका ..भारत..का नैतिक समर्थन मिला हुआ है हमारे लिये यही बहुत है ..
मधूलिका समरेन्द्र लखमी1539वार्ता