म्यांमार में प्रताडना से मौत की दुनिया भर मे निंदा
बैंकाक
10
अक्तूबर:
थाईलैंड
के
एक
मानवाधिकार
संगठन
ने
आज
कहा
कि
म्यांमार
में
गत
माह
सरकार
विरोधी
प्रदर्शनों
के
दौरान
गिरफ्तार
किये
गये
विपक्ष
के
नेता
विन
श्वे
की
पूछताछ
के
दौरान
यातना
की
वजह
से
मौत
हो
गई
है.
द
असिस्टेंस
एसोसिएशन
फार
पालिटिकल
पि्रज्नर्स
एएपीपी
ने
अपनी
वेबसाइट
पर
जारी
एक
बयान
मे
कहा
कि
42
वर्षीय
श्वे
और
चार
अन्य
लोगों
को
लोकतंत्र
समर्थक
प्रदर्शनों
में
भाग
लेने
के
कारण
26
सितंबर
को
गिरफ्तार
किया
गया
था.
इसके
बाद
पूछताछ
के
दौरान
यातना
देने
के
कारण
उनकी
मौत
हो
गई.
संगठन के अनुसार श्वे के शव को उनके परिवार को नहीं सौंपा गया और प्रशासन ने स्वंय ही शव का अंतिम संस्कार कर दिया. उधर अमरीका ने श्वे की मौत की खबर आने के बाद म्यांमार की जुंटा सरकार के खिलाफ नये प्रतिबंध लगाने की चेतावनी दी है. दुनियाभर के सांसदों ने म्यांमार के हालात पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए वहां की सैन्य सरकार जुंटा से जेलों में बंद सभी राजनीतिक कार्यकर्ताओं. बौद्ध भिक्षुओं और जातीय नेताओं को तुरंत और बिना शर्त छोडने को कहा है. अंतरसंसदीय यूनियन आईपीयू के प्रतिनिधियों ने कल यहां एक आपात प्रस्ताव पारित कर म्यांमार मे मानवाधिकारों की बदतर स्थिति पर गहरी चिंता जताई. उल्लेखनीय है कि म्यांमार में पिछले महीने लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों पर सैन्य सरकार की बर्बरतापूर्ण कार्रवाई में दस लोग मारे गए थे.
जेनेवा आधारित आईपीयू दुनियाभर के 140 देशों की राष्ट्रीय संसदों और सात क्षेत्रीय संसदीय सभाओं का प्रतिनिधित्व करती है. आईपीयू के प्रस्ताव में कहा गया है कि अगर म्यांमार में हालात नहीं सुधरते हैं तो अंतरराष्ट्रीय समुदाय को उसके खिलाफ आर्थिक प्रतिबंध लगाने. प्रस्ताव में दक्षिणपूर्व एशियाई देशों के संगठन आसियान से अनुरोध किया गया है कि जब तक म्यांमार में लोकतांत्रिक ताकतों से सुलह की प्रक्रिया जोर नहीं पकडती है तब तक उसकी सदस्यता निलंबित रखी जानी चाहिए.