उर्दू शिक्षकों की नियुक्ति रद्द करने के आदेश पर रोक
इलाहाबाद 10 अक्टूबर: इलाहाबाद उच्च न्यायालय के दो न्यायाधीशों की विशेष अपील खंडपीठ ने अदालत के एकल न्यायाधीश के उस आदेश पर आज रोक लगा दी जिसमें राज्य के विभिन्न प्राथमिक विद्यालयों में विशिष्ट बीटीसी के माध्यम से नियुक्त 13 हजार उर्दू शिक्षकों के चयन को रद्द कर दिया गया था.
मुख्य न्यायाधीश एच एल गोखले एवं न्यायमूर्ति अंजनी कुमार की खंडपीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इस संबंध में दाखिल विशेष अपील पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया.अदालत ने इस अपील को मंजूर कर लिया है तथा मुकदमे की अगली सुनवाई के लिए आगामी 14 नवम्बर की तिथि नियत की है. ज्ञातव्य है कि गत 14 सितंबर को उच्च न्यायालय ने राज्य की पूर्ववर्ती मुलायम सिंह यादव सरकार के कार्यकाल में हुई प्राथमिक विद्यालयों में उर्दू के 13 हजार सहायक अध्यापकों की भर्ती की पूरी कार्रवाही को अवैध करार देते हुए रद्द कर दिया था.
न्यायाधीश अण टंडन की खंडपीठ द्वारा पारित इस आदेश में कहा गया था कि राज्य सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद एनसीटीई से बिना अनुमोदन लिए भ्रामक रिपोर्ट देकर 13 हजार उर्दू अध्यापकों के लिए विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण शु कर दिया गया जबकि कानूनन उर्दू विषय के लिए विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण नहीं कराया जा सकता. बाद में अदालत की एकल खंडपीठ द्वारा पारित इस आदेश की वैधानिकता को चुनौती देते हुए प्रदेश सरकार ने विशेष अपील दायर की जिस पर आज सुनवाई करते हुए अदालत ने यह फैसला दिया है.