वायु सेना में दुर्घटना दर सबसे कम स्तर पर पहुंची ..एयरचीफ मार्शल
नयी दिल्ली 09 अक्टूबर .वार्ता. वायु सेना प्रमुख एयरचीफ मार्शल फली होमी मेजर ने आज घोषणा की कि दुर्घटना प्रबंधन के अत्याधुनिक तरीके अपना कर उन्होंने दुर्घटना दर को सबसे नीचे के आंकडे पर ला दिया है1 दूसरे अंतरराष्ट्रीय उडान सुरक्षा सम्मेलन का यहां उदघाटन करने के बाद एयरचीफ मार्शल मेजर ने कहा कि वायु सेना में दुर्घटना दर प्रति दस हजार घंटे की उडान पर शून्य दशमलव दो..सात के आंकडे पर आ गयी है1 उन्होंने कहा कि पिछले दो साल में वायु सेना में दुर्घटना दर में 58 प्रतिशत की कमी आयी है1 उडान सुरक्षा पर आयोजित इस सम्मेलन में 30 से अधिक देशों के विशेषज्ञ हिस्सा ले रहे हैं और भारत में उड्डयन क्षेत्र से जुडे अनेक संगठनों की इसमें हिस्सेदारी है1 उदघाटन सत्र को सम्बोधित करते हुए वायु सेना प्रमुख ने कहा कि आकाश में विमानों की भीड लगातार बढने से विमानन ढांचे पर बेहद अधिक दबाव आ गया है और उडान सुरक्षा की नयी चुनौतियां सामने आ रही हैं1 इस सम्मेलन में उडान सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रबंधन के छह सिग्मा मानकों और कैजन सिद्धांत पर विशेष रूप से विचार किया जा रहा है जिसमें सिग्मा मानकों के तहत किसी संगठन के प्रदर्शन को कसौटी पर कसा जाता है जबकि कैजन सिद्धांत में संगठन के प्रति मानव संसाधन की वफादारी और मानव एवं मशीन के सदभाव पर जोर दिया जाता है1 जापान ऐसा देश है जिसने इन मानकों को बहुत सटीक ढंग से अपनाया है और वहां वर्ष 2000 से लेकर अब तक सात साल के भीतर सिर्फ एक विमान दुर्घटना हुई है1 वायु सेना के एक अधिकारी ने कहा कि अभी तक के विश्लेषण से यह बात सामने आयी है कि दुर्घटना में मशीन और मानवीय गलतियों में से किसी एक ज्यादा दोषी नहीं ठहराया जा सकता1 अध्ययन से पता चला है कि 45 प्रतिशत दुर्घटनाएं तकनीकी खराबी से हो रही हैं जबकि 45 प्रतिशत मामलों में ही मानवीय गलती हादसों का कारण बनीं1 दस प्रतिशत दुर्घटनाएं उडान के वातावरण से हो रही हैं1 कौशिक संजीव अजय लखमी1728वार्ता