न्यायालय. आजीवन कारावास दो अंतिम नयी दिल्ली..
ास दो अंतिम नयी दिल्ली.. शादी के बाद लडके और उसके परिजनों को लडकी के परिजनों की आेर से लगातार धमकी मिलने लगी1 इसके बाद 30 मई 1999 को लडकी के परिजनों माया कौर. बलदेव सिंह और अन्य ने लडके रविंदर सिंह. उसके भाई हरविंदर सिंह तथा माता पिता दिलीप सिंह और लखविंदर कौर की हत्या कर दी
उच्चतम न्यायालय ने कल अपने निर्णय में कहा कि यह मामला बचन सिंह और माछी सिंह के मामलों जैसा है1 अपराध की प्रकृति और निसहाय लोगों की परंपरागत हथियारों से हत्या क्रूरता की चरम सीमा है1 इससे पहले आरोपी माया और निर्मल कौर ऊपर आयीं और हत्या से पहले रविंदर कौर से जेवरात और कपडे ले लिये
न्यायालय ने कहा.. इन सबके बावजूद हमारा मानना है कि जिन हालात का सामना हम कर रहे हैं उसमें हम उच्च न्यायालय का आजीवन कारावास देने का फैसला नहीं बदल रहे हैं और आरोपियो को पुन. मौत की सजा नहीं दे रहे हैं
सत्या.अजयसुनील1905वार्ता