ग्रीन हाऊस गैंसों के उत्सर्जन के जिम्मेदार देश इस समस्या से निपटें
नई दिल्ली, 10 अक्टूबरः मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री डी पुरंदेरेश्वरी ने कहा है कि ग्रीन हाऊस गैसों के अधिक उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार देशों को पर्यावरण में हो रहे बदलाव से निपटने में अग्रणी भूमिका निभानी होगी और उन्हे इस समस्या को गरीब देशों पर नहीं डालना चाहिए.
उन्होंने जिनेवा में 117 वीं अन्तर संसदीय संघ, आईपीयू की बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई करते हुए यह बात कही. इस बैठक में अमरीका के अलावा 140 से अधिक देशों के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं.
सुश्री पुरंदेरेश्वरी ने कहा कि भारत, पर्यावरण में हो रहे बदलाव और प्रदूषण संबंधी विश्व समुदाय की चिन्ता से वाकिफ है लेकिन इसके लिए विकसित देशों को ही पहल करनी होगी. उन्होंने कहा कि अविकसित और गरीब देशों के पास इस चुनौती से निपटने के लिए संसाधनों की कमी है. इसके लिए संयुक्त राष्ट्र जैसी संस्थाओं को पहल करनी होगी ताकि विकासशील देशों पर अधिक दबाव न पड़े.
उन्होंने यह भी कहा कि कुछ विकसित देश ग्रीन हाऊस गैसों का अधिक उत्सर्जन करके समस्या को बढ़ावा दे रहे हैं जबकि भारत कुल उत्सर्जन के चार प्रतिशत का ही जिम्मेदार है. भारत पहले ही गैसों की इस सीमा को बढाने के पक्ष में नहीं हैं.
संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के कार्यकारी निदेशक अशिम स्टेनर ने भारत के रुख का समर्थन करते हुए कहा कि औद्योगिक रुप से विकसित देशों को इस चुनौती से निपटने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए. इसके लिए आधुनिक तकनीकी का इस्तेमाल जरुरी है ताकि विकासशील देशों की ऊर्जा जरुरतों को पूरा किया जा सके.