देश भर में घट रहा है पानी
नयी दिल्ली, 9 अक्तूबरः देश के 5723 इलाकों में से विभिन्न राज्यों के 839 क्षेत्रों को अत्यधिक भूजल दोहनवाले क्षेत्रों के रूप में वर्गीकृत किया गया है. इन क्षेत्रों में भूजल का सालाना दोहन इनके प्रतिपूर्ति स्त्रोतों से ज्यादा है.
जल संसाधन मंत्रालय के प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि देश में कृषि के लिए, पेयजल और अन्य भूजल के इस्तेमाल की लंबी परंपरा रही है. लेकिन नलकूपों के जरिये सिंचाई करने की वजह से भूजल भूजल के स्तर में तेजी से गिरावट आयी है. अत्यधिक दोहनवाले 839 क्षेत्रों में भूजल स्तर में मानसून के पूर्व या मानसून के बाद अथवा दोनो अवधियों में उल्लेखनीय गिरावट पायी गयी है.
प्रवक्ता के अनुसार इसके अलावा 226 क्षेत्रों को गंभीर श्रेणी में रखा गया है और इन क्षेत्रों में भूजल की प्रतिपूर्ति सालाना प्रतिपूर्ति स्त्रोतो की क्षमता पर 90.100 प्रतिशत के बीच है. इन क्षेत्रों में भी मानसून पूर्व और उसके बाद की अवधि में भूजल की अवधि में दीर्घकालिक गिरावट का रुख पाया गया है. यह जानकारी केन्द्रीय भूजल बोर्ड और राज्यों द्वारा भूजल संसाधनों का मिलकर कराये गये आकलन में उभरकर सामने आयी है.