अनूठी परंपरा के लिए मशहूर सुलतानपुर की दुर्गापूजा
सुलतानपुर 06 अक्टूबर.वार्ता. उत्तर प्रदेश में सुलतानपुर का दुर्गापूजा महोत्सव अपनी अनूठी परम्परा के लिए मशहूर है
आगामी 12 अक्टूबर से शुरु हो रहे शारदीय नवरात्र के अवसर पर आयोजित होने वाले इस महोत्सव की तैयारियों के लिए सुलतानपुर शहर के बाजार अभी से रातभर खुलने लगे हैं1 मूर्तिकार अपनी कला को अंतिम रुप देने में लगे हैं तथा समितियां पूजा पण्डालों को विभिन्न मंदिर स्वरुप का माडल देने में जुटी हैं1 जिले में इस महोत्सव की नींव 1959 में पडी1 नगर के ठठेरी बाजार में श्री दुर्गामाता पूजा समिति ने पहली बार उस साल दुर्गा प्रतिमा की पूजा शुरु की1 इसके कुछ वर्ष बाद जिले में मूर्तियों की संख्या बढने लगी और आज शहरी क्षेत्र में करीब डेढ सौ से अधिक स्थानों पर दुर्गापूजा होती है1 शहर में 1959 से 1971 तक मां दुर्गा को विसर्जन के लिए कहारों के कंधे पर ले जाने की अनूठी परम्परा थी1 दुर्गामूर्ति के विसर्जन से पहले शोभायात्रा निकाली जाती थी जिसके बाद बडी बडी बल्लियों पर पालकी बनायी जाती थी1 इसे 18 से 20 कहार अपने कंधे पर उठा करगोमती के पावन घाट सीताकुण्ड तक ले जाते थे
सं इंद्र जगबीर1318जारी वार्ता