लोकरूचि. हर की दून तीन देहरादून
दूसरा विवाद कर्मनाशा नदी से संबंधित है जिसका उद्गम पावन स्वर्गारोहिणी चोटी के नीचे से होता है और इस घाटी में होती हुयी बहती है 1 गौरतलब है कि यह पहाडी नदी आज भी कर्मनाशा .कर्म को नाश करने वाली. नदी के नाम से जानी जाती है जबकि किसी हिमालयी नदी की तरह इसका जल मीठा और आनन्ददायक है1 देश में अन्य किसी नदी का ऐसा हास्यापद नाम नहीं सुनने को मिलता है इसके विपरीत हमारे देश मेंे नदियों के नाम भारत माता के साथ जुडे हुये हैं
यह भी मान्यता है कि इस क्षेत्र की खेती शापित होने के कारण जहरीली हो गयी है1 इस मत के पीछे कथन यह है कि भगवान कृष्ण इस सारे उपद्रव के लिये जिम्मेदार रहें होंगे कि फिर से कोई दुष्ट राजकुमार या सेना जीवित न रहे1 आज के हर की दून की भूतकाल के साथ थोड़ी समानता है1 यह घाटी अपनी उच्च वनस्पति के लिये प्रसिद्ध है जिसमें कि कुछ प्रचुर जडी..बूटियां जो उच्च औषधीय महत्व वाली हैं और कुछ प्रकार केमशरूम हैं1 यहां आलू. बीना. सेब. अखरोट तथा आड़ू अधिक मात्र में होता है1 कर्मनाशा नदी तथा रूपिन नदी मिल करके टोंस नदी बनती है जो यमुना नदी की सहायक है1 हर की दून के अलावा अन्य क्षेत्र भी हैं जिनकी खोज की जा सकती है1 रूईनसारा ताल ऊंचाई में तालाब का अपूर्व चित्र है1 जुडाताल तालाब के साथब केदारकांटा चोटी रास्ते में प्रबल हिमालय में श्रद्धापूर्ण दृश्य उपस्थित करती है 1 जखोल गांव तथा रूड़का तालाब भी दर्शन का महत्व रखते हैं1 इनके अलावा यहां ऊंचे पर्वतीय रास्ते हैं जैसे भरासु जो हिमाचल प्रदेश की कन्नौज घाटी के चिटकुल गांव को और बाली के पास जो उत्तराखंड में यमुनोत्री को तोडता है1 रामगुलाम शिव मनोरंजन 1150 जारी.वार्ता.