अपने काम को और अधिक मूल्यवान बनाए रत्न आभूषण उद्योग .कमलनाथ
नई दिल्ली 06 अक्टूबर.वार्ता.हीरों के निर्यात में भारत की चकाचौंध कामयाबी के बावजूद वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री कमलनाथ ने कहा है कि भारतीय हीरा उद्योग अभी कम कमाई वाले काम तक ही सीमित है
उन्होंने कारोबारियों से हीरे के आभूषणों के विनिर्माण और खुदरा कारोबार में देश की ताकत बढाने पर बल दिया है जिसमें ज्यादा क माई होती है1 श्री कमलनाथ ने रत्न आभूषण उद्योग से स्वर्ण आभूषण निर्यात में भी देश को पहले मुकाम पर पहुंचाने की भी अपील की है1 उन्होंने कल शाम यहां एक रंगारंग कार्यक्रम में रत्न आभूषण निर्यात क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए 32 निर्यातकों . आयातकों और बैंकों को रत्न आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद के 2006..07 के पुरस्कार प्रदान किए1 पुरस्कृत प्रतिष्ठानों में इस कार्यक्रम के प्रायोजन दिल्ली के आभूषण निर्माता पीपी ज्वेलर्स .भारतीय स्टेट बैंक ..मुंबई और नोवा स्काटिया बैंक मुंबई भी शामिल हैं1 वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने देश के निर्यात कारोबार में रत्न आभूषण क्षेत्र के योगदान की तारीफ करते हुए कहा कि हीरा प्रसंस्करण का 90 प्रतिशत काम भारत में होता है और 12 में से 11 हीरे भारत में तराशे होते हैं पर कामयाबी की इस चकाचौंध सफलता के बीच हमें अपनी यह कमजोरी नहीं भूलनी चाहिए कि हम अभी केवल निम्न कैरेट के हीरे ही तराशते हैं तथा इस व्यापार में तराशी और पालिश के काम का दाम सबसे कम मिलता है1 श्री कमलनाथ ने कहा .. हमें अच्छी कमाई के लिए उच्च कैरेट के हीरों की प्रासेसिंग .आभूषण उत्पादन और खुदरा कारोबार में प्रवेश करने और मूल्य संवंधन की ऊंची पायदान पर पैर जमाना होगा1 श्री कमलनाथ ने कहा .. हमे भारत को हीरों के आभूषण का अग्रणी निर्माता और मुख्य व्यापार केंद्र बनाने का प्रयास करना चाहिए1 वाणिज्य मंत्री ने यह भी कहा कि हमे स्वर्ण आभूषण निर्यात पर भी ध्यान देकर नंबर एक पर पहुंचाना चाहिए1 उन्होंने कहा कि इस समय 85 अरब डालर के अंतर्राष्ट्रीय स्वर्ण आभूषण व्यापार में भारत का हिस्सा केवल पांच प्रतिशत है1 ऐसा कोई कारण नहीं कि हम अपनी प्रतिभा के बल पर नंबर एक मुकाम पर न पहुंच सकें 1 मनोहर.कैलाश.प्रभु 1425जारी वार्ता