उडान सुरक्षा पर अंतरराष्ट्रीय परामर्श लेगी वायु सेना
नयी दिल्ली 06 अक्टूबर .वार्ता. दक्षिण एशिया में सैन्य और नागरिक उड्डयन क्षेत्र में हो रही क्रांति को देखते हुए भारतीय वायु सेना ने वायु क्षेत्र के बेहतर इस्तेमाल और उडानों को सुरक्षित रखने के बारे में अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों से परामर्श लेने का निर्णय लिया है1 वायु सेना के सूत्रों ने कहा कि अत्याधुनिक सैन्य और नागरिक विमानों के आकाश में निरंतर परवाज भरने से उडान सुरक्षा एक बडी चुनौती बन गयी है और ऐसे में वायु क्षेत्र से सरोकार रखने वाले विभिन्न विशेषज्ञों को एक मंच पर लाने की आवश्यकता महसूस की जा रही थी1 विमानों को दुर्घटना मुक्त रखने के लिए वायु सेना ने थल सेना. नौसेना. तटरक्षक बल. सीमा सुरक्षा बल. नागरिक उड्डयन महानिदेशालय. हिंदुस्तान एयरोनोटिक्स लिमिटेड और भारतीय विमान पत्तन प्राधिकरण के प्रतिनिधियों को भी एकजुट किया है1 अंतरराष्ट्रीय परामर्श का यह सघन दौर इंटरनेशनल फ्लाइट सेफ्टी कांफ्रेंस के मंच पर चलेगा और यहां 9 एवं 10 अक्टूबर को 30 देशों के साठ से अधिक विदेशी प्रतिनिधि उडान सुरक्षा के बारे में अपने अनुभव बांटेंगे1 इस मंच पर रोटरी विंग सोसाइटी. इंडियर एयरलाइंस और निजी एयरलाइन आपरेटरों के अलावा विमान अनुसंधान एवं विकास से जुडे अनेक निकायों को भी बुलाया गया है1 वायु सेना उडान सुरक्षा पर यह सत्र ऐसे समय आयोजित कर रही है जबकि नागरिक उड्डयन क्षेत्र लगातार आकाश पर काबिज होता जा रहा है और वायु क्षेत्र के दोहरे इस्तेमाल से विमानों की सुरक्षा की चुनौती बढती जा रही है1 इसमें अन्य मुद्दों के अलावा मौजूदा सुरक्षा परिदृश्य की समीक्षा की जाएगी और दुर्घटना की जांच एवं प्रबंधन के मुद्दों पर विशेष जोर रहेगा1 हालाकि पिछले तीन साल में वायु सेना दुर्घटना दर को न्यूनतम रखने में कामयाब हुई है लेकिन नागरिक विमानन क्षेत्र की बढती गतिविधियां और आकाश का दोहरा इस्तेमाल कभी भी विस्फोटक स्थिति पैदा कर सकता है1 वायु सेना के सूत्रों ने कहा कि अगर समय पर सूचना का सटीक प्रवाह हो तो दुर्घटनाएं रोकने में मदद मिल सकती है1 ऐसे में उन संगठनों की सलाह बहुत काम आएगी जो भारत से मिलते जुलते विमान उडाते हैं और उनका नेटवर्क भी कमोबेश ऐसा ही है1 कौशिक.नीलिमा.अजयप्रभु 1510 वार्ता