बीज पंजीकरण के लिए डेढ सौ आवेदन
नयी दिल्ली 5 अक्टूबर: देश में पौधा किस्म एवं कृषक अधिकार अधिनियम के लागू होने के बाद से बीज पंजीकरण के लिए कम से कम 150 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं. पहला पंजीकृत बीज अगले तीन वर्ष के भीतर जारी कर दिये जाने की संभावना है.
पौधा किस्म एवं कृषक अधिकार प्राधिकरण के प्रमुख डा. एस नागार्जुन ने आज यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि बीज पंजीकरण की प्रकिया सभी भारतीय नागरिकों, संगठनों और कंपनियों के लिए खुली है. उन्होंने बताया कि इस फरवरी में बीज पंजीकरण की प्रकिया शुरू की गयी थी और 12 फसलों चावल, गेंहू, मक्का, ज्वार, बाजरा, चना, अरहर, मूंग, उडद, मसूर, मटर और राजमा की प्रजातियों के लिए आवेदन मांगें गए थे. यह अधिनियम 2005 में लागू किया गया था.
उन्होंने बताया कि बीज पंजीकरण के लिए प्राप्त आवेदनों में नयी किस्मों, पराजीनी किस्मों, संकर किस्मों और विद्यमान किस्मों से संबद्ध आवेदन शामिल है. उन्होंने बताया कि कपास की चार प्रजातियों और पटसन की दो प्रजातियों के पंजीकरण के लिए प्रक्रिया संबंधी विवरण तैयार है और इसे जल्दी ही अधिसूचित कर दिया जाएगा. इसके अलावा गुलदाउदी, गुलाब, तोरिया, सरसों और सूरजमुखी जैसी फसलों की पंजीकरण प्रक्रिया को भी अंतिम रूप दिया जा चुका है.