गोंडावन को बचाने की नई योजना
नयी दिल्ली. 05 अक्टूबर. वार्ता. केन्द्र सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ.आईयूसीएन. की लुप्तप्राय पक्षियों की सूची में शामिल ..गोंडावन चिडिया..द ग्रेट इंडियन बस्टर्ड.. को बचाने के लिए एक नई योजना शुरु की है
देश में यह चिडिया राजस्थान और गुजरात के जंगलों में पाई जाती है और पिछले 15 वषो में इसकी संख्या घटकर एक हजार से भी कम हो गई है1 स्थानीय भाषा में इसे .गोंडावन. कहा जाता है
पर्यावरण एवं वन मंत्रालय मेंं वन्य जीव महानिरीक्षक आर बी लाल ने यूनीवार्ता से कहा कहा.. हमने एक विशेष योजना बनाई है जिसमें इनके संरक्षित प्रजनन. पर्यावास की पहचान और इन्हें बनाए रखने पर जोर दिया जाएगा1.. उन्होंने कहा कि कल उनके मंत्रालय ने राज्य प्रतिनिधियों और विशेषग्यों को इस योजना पर विचार करने तथा उनका दृष्टिकोण जानने के लिए एक बैठक बुलाई थी1 हालांकि अभी तक इस चिडिया की वास्तविक संख्या के बारे में कोई वैग्यानिक सवर्ेक्षण नहीं हुआ है लेकिन 1990 के दशक के सवर्ेक्षण के अनुसार उस समय इसकी संख्या 1500 से 2000 के बीच थी लेंकिन अब यह घटकर एक हजार से भी कम हो गयी है
श्री लाल ने कहा कि इनके पर्यावास. ठिकाने. का नष्ट होना ही एक बहुत बडा कारण है कि ये चिडिया इतनी तेजी से लुप्त हो रही है1 देश मेंं यह चिडिया राजस्थान के.डेजर्ट नेशनल पार्क. और गुजरात में पश्चिमी कच्छ के लाला पारजाऊ अभयारण्य में देखी जा सकती है
बोम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी. बीएनएचएस. ने अपने एक अध्ययन में पाया कि मवेशियों के घास चरने से इनके ठिकाने में वृद्धि होती है लेकिन अधिक मात्रा में चरने से इनके घर बर्बाद हो जाते हैं और इन्हें भोजन भी नहीं मिलता है
जितेन्द्र. संजीव.अजय नंद1644 वार्ता