पुलिस भर्ती मामले में राज्य सरकार के निर्णय को सही ठहराया
इलाहाबाद.05 अक्टूबर .वार्ता. इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने वर्ष 2004 से 2006 के बीच हुई पुलिस भर्ती में अनियमितता के आधार पर राज्य की मौजूदा सरकार द्वारा नीतिगत निर्णय लेकर इन भर्तियों की पुर्नसमीक्षा का आदेश दिए जाने को गलत नहीं माना है 1 न्यायालय ने कहा कि सरकार ने एक एक मामले का परीक्षण कर अयोग्यता के आधार पर सिपाहियोें की बर्खास्तगी का आदेश दिया है
न्यायालय ने कहा कि जब एक बार मेडिकल परीक्षण के बाद याची सिपाहियों को अयोग्य पाया गया तो ऐसे सिपाहियों को सेवा में नहीं रखा जा सकता है
अदालत ने सिपाहियों के बर्खास्तगी आदेश में किसी भी प्रकार के हस्तक्षेप करने से इन्कार कर दिया है लेकिन न्यायालय ने याचीगण सिपाहियों को यह छूट दे रखी है कि वे एक माह के भीतर सक्षम अधिकारी को प्रत्यावेदन देकर उनसे चिकित्सीय परीक्षण के लिए विशेष मेडिकल बोर्ड गठन करने की प्रार्थना करें
न्यायमूर्ति वी.के.शुक्ला ने बर्खास्त सिपाही प्रेमपाल सिंह और राकेश कुमार की याचिकाओं पर यह आदेश पारित करते हुए कहा कि उन मामलों में जहां ैकलर विजन ै में कमी पायी गयी है उसमें मेडिकल बोर्ड का गठन किया जाए जो मेडिकल परीक्षण कर रिपोर्ट देगी
न्यायालय ने कहा है कि मेडिकल परीक्षण की रिपोर्ट के बाद सक्षम अधिकारी इन मामलों में पुनर्विचार कर निर्णय लें और यदि बर्खास्त सिपाहियों के पक्ष में रिपोर्ट आती है तो रिपोर्ट पर चार सप्ताह के भीतर निर्णय लिया जाए
ज्ञातव्य है कि राज्य की मौजूदा सरकार ने वर्ष 2004..2006 के बीच हुई पुलिस भर्ती पर पुर्नसमीक्षा का निर्णय लिया था1 पुलिस महानिदेशक ने भी गत 29 जून को इस संबंध में आदेश दिया था
सं.रंजीत सत्या लखमी2038 वार्ता