महात्मा गांधी की शिक्षाएं आज अधिक प्रासंगिक
संयुक्त
राष्ट्र
3
अक्टूबर:
संयुक्त
राष्ट्र
के
महासचिव
बान
की
मून
ने
कहा
है
कि
दुनियाभर
में
बढ
रहे
तनावों,
असहिष्णुता
और
जातीय
संघर्ष
के
इस
दौर
में
महात्मा
गांधी
की
शिक्षाएं
और
अधिक
प्रासंगिक
हो
गई
हैं.
श्री
बान
ने
पहले
अंतर्राष्ट्रीय
अहिंसा
दिवस
के
अवसर
पर
कल
यहां
संयुक्त
राष्ट्र
महासभा
को
संबोधित
करते
हुए
कहा,"दुनियाभर
में
असहिष्णुता
और
जातीय
संघर्ष
बढ
रहा
है.
उदारवादी
शक्तियों
के
हाशिए
पर
जाने
से
चरमपंथी
और
हिंसक
विचारधाराएं
उफान
पर
हैं".
संयुक्त
राष्ट्र
ने
हाल
में
गांधी
जयंती
को
अंतरराष्ट्रीय
अहिंसा
दिवस
के
रूप
में
मनाने
का
फैसला
लिया
था.
म्यांमार
में
लोकतंत्र
समर्थकों
के
दमन
का
उल्लेख
करते
हुए
उन्होंने
कहा,"महात्मा
गांधी
की
शिक्षाओं
से
प्रेरणा
लेकर
शांतिपूर्ण
प्रदर्शन
करने
वालों
के
खिलाफ
बर्बरतापूर्ण
कार्रवाई
की
जा
रही
है".
नागरिक
अधिकारों
और
स्वंतत्रता
के
लिए
दुनियाभर
में
जन
आंदोलन
छेडने
वाले
महात्मा
गांधी
को
याद
करते
हुए
संयुक्त
राष्ट्र
महासचिव
ने
कहा
कि
उन्होंने
अहिंसा
को
हर
किसी
के
दैनंदिन
जीवन
में
उतारकर
असंख्य
लोगों
को
बेहतर
और
अधिक
सार्थक
जीवन
जीने
की
प्रेरणा
दी.