मध्य प्रदेश के विष्णु बने 'भगवान', केरल बाढ़ पीड़ितों के लिए दान कर दिया कंबलों का सारा स्टॉक
नई दिल्ली। केरल इन दिन इस सदी की सबसे भयानक तबाही के जद में है। भारी बारिश ने जहां लगभग तीन दर्जन लोगों की जान ले ली वहीं हजारों लोग बेघर हो गए। लोग बाढ़ से पीड़ित की मदद के लिए हरसंभव मदद दे रहे हैं। ऐसे हालातों में अपनी चीजे लोगों के साथ शेयर करना एक सहास ही बात होगी है। वह भी तब जब वह आपकी कमाई का जरिया हो। मध्य प्रदेश के नीमच जिले का रहने वाला विष्णु कच्छावा करेल के कन्नूर जिले के इरिट्टी में घर-घर जाकर कंबल बेचने का काम करता है। वह सोशल मीडिया पर उस समय रातों-रात स्टार बन गया जब उसने अपने कंबलों का सारा स्टॉक बाढ़ पीड़ितों के लिए दान में दिया।
केरल में घर-घर जाकर कंबल बेचता है विष्णु
द वीक में छपी खबर के मुताबिक, विष्णु ने अपने सारे कंबल मंगाद जिले के अदिचुकोट्टी के सरकारी स्कूल में लगे रिलीफ कैंप में दान कर दिए। विष्णु ने कहा कि, यह जमीन और उसके लोगों को वापस देने का अवसर था जो 12 साल से अधिक समय तक उसकी आजीविका कमाने में मदद कर रहे थे। 28 वर्षीय विष्णु मध्यप्रदेश में उज्जैन के नीमच जिले से है। पांच भाई बहनों में से चौथा नंबर के विष्णु 16 वर्ष की उम्र में केरल आए थे। वह अपनी पत्नी कुमकुम और दो बच्चों एक पांच साल का बेटा और एक साल की बेटी के साथ कन्नूर के इरिट्टी में साथ रहता है। विष्णु ने कहा कि, कन्नूर मेरा दूसरा घर है। केरल ने मुझे सब कुछ दिया, रहने के लिए जगह, उनकी फैमिली और बच्चों को पालने के लिए रोज़ी-रोटी और अच्छा वातावरण।
विष्णु हरियाणा के पानीपत से कंबल खरीदता है
उन्होंने कहा कि वो पहली बार केरल को इतने दुख में देख रहे हैं। में लोगों के इतने कष्ट में नहीं देख सकता। मेरा पास जो कुछ था वो मैंने दे दिया। विष्णु हरियाणा के पानीपत से कंबल खरीदता है। और अपने चार पाटर्नरों के साथ केरल में लाते हैं। वे स्टॉक को आपस में बांट लेते हैं और इसे घरों, सरकारी कार्यालयों, बैंकों और निजी फर्मों में बेचते हैं। 10 अगस्त को विष्णु इरिट्टी के तालुका ऑफिस अपने 50 नए कंबलों के स्टॉक के साथ पहुंचा। यह उसका पुराना कंबल बेचने का ठिकाना था। इरिट्टी के उप तहसीलदार लक्ष्मण ने उसे ऐसे हालातों में गांवों का दौरान करने से रोका।
बाढ़ पीड़ितों को दे दिए सारे कंबल
लक्ष्मण ने बताया कि, विष्णु कंबल, डोरमेट्स या ड्रेस सामग्री के विशाल ढेर के साथ हमारे ऑफिस आता रहता है। हम सभी उससे उत्पाद खरीदते थे। कम दाम और उनकी लगातार यात्राओं ने उन्हें यहां का एक विश्वसनीय व्यापारी बना दिया। शुक्रवार को वह 50 कंबलों के साथ यहां ऑफिस आया। मेरे उसे सलाह की कि वह बाढ़ प्रभावित जिलों से दूर रहे। इसके बाद विष्णु ने पूछा कि बाढ़ पीड़ितों का कैंप कहां है। वह उन सभी के लिए अपने कंबल का सारा स्टॉक दान करना चाहता हूं। लक्ष्मण ने बताया कि, पहले मुझे लगा कि वह मजाक कर रहा है। मैंने उससे पूछा कि अगर वह इसे दान कर देगा तो वह कमाएंगा क्या? लेकिन विष्णु अपनी जिद पर अड़ा रहा। लक्ष्मण ने कहा, हम उन्हें आदिचुकुट्टी स्कूल ले गए जहां एक नया शिविर खोला गया था। सौभाग्य से कन्नूर कलेक्टर मीर मोहम्मद अली उस शिविर की यात्रा पर थे। विष्णु सीधे उन्हें कंबल सौंप दिए।
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