जिस होटल में पिता थे चौकीदार, उसी होटल में उन्हें मेहमान बनाकर ले जा रहा है बेटा, पढ़ें ये प्रेरणादायक कहानी
नई दिल्ली। इस बात से तो हर कोई सहमत होगा कि ठोकर लगने से दुनिया की हर चीज टूट जाया करती है, बस सफलता ही एक ऐसी चीज है जो ठोकर के बाद ही मिलती है। इस सफलता का मजा दोगुना तब भी हो जाता है जब इसमें परिवार वालों का प्यार और साथ हो। आर्यन मिश्रा की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। मात्र 19 साल की उम्र में आर्यन ने अपने सपने को साकार किया। आर्यन ने 14 साल की उम्र में एक Asteroid ढूंढ लिया। आज आर्यन को कई विश्वविद्यालयों से लेक्चर के लिए निमत्रंण आने लगे हैं। इन सबमें जो सबसे अहम बात है वो ये है कि आर्यन के पिता एक होटल में गार्ड की नौकरी करते हैं और अखबार बेचते हैं। आर्यन अब अपने मां-बाप की जिंदगी बदल रहा है और उन्हें उसी होटल में मेहमान बनाकर ले जाने वाले हैं जहां वो गार्ड थे। विस्तार से जानिए आर्यन की पूरी कहानी
आर्यन के कुछ कर गुजर जाने वाले जज्बे में कमी नहीं
आर्यन का घर टोटा था, पैसों की किल्लत थी, सुविधाएं कम थीं लेकिन आर्यन के जज्बे में कोई कमी नहीं थी। वो अपनी बस्ती के एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ने जाता था। ‘ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे' से अपनी स्टोरी शेयर करते हुए बताया कि 10 साल की उम्र में ही मुझे बाहरी अंतरिक्ष की दुनिया में दिलचस्पी आने लगी। जब आर्यन ने पहली बार टेलिस्कोप से शनि ग्रह की रिंग देखी तो वो अच्छे से समझ गए थे कि उनकी उड़ान बहुत लम्बी होने वाली है और उसके लिए वो तैयार थे।
टेलीस्कोप खरीदने के लिए पैदल स्कूल जाते आर्यन
आर्यन खगोल विज्ञानी बनने की चाहत अपने पिता को बताई। निर्धन पिता को आर्यन की बात अपने सामर्थ्य से बाहर की लगी, परंतु आर्यन ने तो एस्ट्रोनॉमर बनने की ठान ली थी। ठान तो ली, पर सपना पूरा करने के लिए ज़रूरत थी पैसों की, जो उनके पिता या परिवार के पास पर्याप्त नहीं थे। इसीलिए आर्यन ने भोजन कम करने की युक्ति अपनाई, पैदल चल कर स्कूल जाना शुरू किया, ताकि वे 5 हजार का टेलीस्कोप खरीद सकें। अपने कई कठिन त्याग और परिश्रम के बाद अंततः आर्यन ने टेलीस्कोप ले ही लिया। घर की माली हालत के बीच 5 हजार रुपए का टेलीस्कोप खरीदने पर पिता कई दिनों तक आर्यन से कर नाराज भी रहे।
आकाश में एक एस्टरॉइड यानी छोटा तारा ढूंढ निकाला
14 साल की उम्र में ही आर्यन ने एक एस्टेरॉइड की खोज की और देखते ही देखते उन सब की जिंदगी बदल गई। आर्यन को मीडिया वाले कवर करने लगे और यही नहीं यूनिवर्सिटीज भी उसे लेक्चर देने के लिए बुलाने लगी। तब उसे इस बात का एहसास हुआ की वो लेक्चरर के रूप में भी अपना करियर बना सकते हैं। पहले महीने में ही आर्यन ने 30,000 रुपये कमा लिए।
जिस होटल में थे पिता गार्ड, उसी में मेहमान बनाकर ले जाएंगे आर्यन
आर्यन बताते हैं कि आने वाली जनवरी उनके लिए बेहद ही खास है क्योंकि वो अपने पिता को उस होटल में ठहराएंगे जहां उनके पिता एक सिक्योरिटी गार्ड थे। और इन्ही छोटी-छोटी खुशियों में उन्हें अपना सपना, अपने घरवालों का सपना पूरा होता दिखता है। आर्यन के लिए उसके असल अंतरिक्ष उसके माता-पिता है।