कहीं जगह नहीं मिली तो मस्जिद में खोल दिया स्वास्थ्य केंद्र
हैदराबाद। मस्जिद-ए-इसाक के दरवाजे हर धर्म के लोगों के लिए खोल दिए गए हैं। कोई भी व्यक्ति जिसे इलाज की जरूरत यहां आ सकता है, क्योंकि मस्जिद में अब अस्पताल खोल दिया गया है। यह प्रेरणादायक कार्य किया जा रहा है एक स्वयं सेवी संगठन की मदद से। इसका नाम है- हेल्पिंग हैंड फाउंडेशन। इस मस्जिद के पास करीब नौ स्लम एरिया हैं, जहां की आबादी करीब डेढ़ लाख है, लेकिन स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव है। एनजीओ ने यहां मेडिकल कैंप चलाने का प्रयास किया, लेकिन आबादी इतनी घनी कि कोई जगह ही नहीं मिली। जब सब रास्ते बंद होते नजर आए तो मस्जिद कमेटी ने एनजीओ की तरफ हाथ बढ़ाया।
मस्जिद की ओर से चलाया जाएगा गर्भवती महिलाओं के लिए हेल्थ एजुकेशन प्रोग्राम
एनजीओ के ट्रस्टी मुज्तबा अस्करी ने बताया वह स्वास्थ्य केंद्र चलाने के लिए ऐसी जगह चाहते थे, जहां आराम से सभी आ सकें और उनका उपचार किया जा सके। चूंकि, आसपास कई स्लम एरिया हैं तो लोग भी बड़ी संख्या में आएंगे। मस्जिद में जगह मिलने से एनजीओ का काम आसान हो गया। एनजीओ के मुताबिक, मस्जिद में स्वास्थ्य केंद्र बनाने का मकसद बेहतर सुविधाएं देने के साथ ही लोगों को चिकित्सा सुविधाओं के बारे में जागरूक करने का भी लक्ष्य है। मस्जिद में बने स्वास्थ्य केंद्र से लोगों को 30 से ज्यादा सरकारी अस्पतालों के बारे में जानकारी दी जाएगी। इसके साथ मस्जिद की ओर से महिलाओं के लिए हेल्थ प्रोग्राम चलाने की भी योजना है।
मरीज के आने-जाने का भी खर्च उठाता है एनजीओ
मैनेजर फरीद ने बताया कि उनका एनजीओ पिछले 13 साल से स्वास्थ्य सेवा कर रहा है। वह बताते हैं कि करीब 30 अस्पतालों के साथ उनका एनजीओ जुड़ा हुआ है। इन अस्पतालों में एनजीओ के वॉलेंटियर काम कर रहे हैं। जब भी उनके पास कोई ऐसा मरीज आता है, जिसे गंभीर बीमारी हो तो एनजीओ इन अस्पतालों में मरीज को भेजता है। एनजीओ की तरफ से मरीज के आने-जाने और अन्य खर्चे भी उठाता है।
धर्म की बेडि़यां तोड़कर किया जा रहा सेवा कार्य
एनजीओ के ट्रस्टी मुज्तबा अस्करी ने बताया मस्जिद में खोले गए स्वास्थ्य केंद्र में धर्म की कोई बेडि़यां नहीं हैं। हम यहां लोगों को सरकार की ओर से चलाई जा रही स्वास्थ्य संबंधी योजनाओं के बारे में भी जानकारी दे रहे हैं, जिससे कि लोग इन योजनाओं का लाभ उठा सकें। दरअसल, बहुत से लोगों को अब तक सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी भी नहीं है।