मरकर भी अमर हो गई 14 साल की अंजलि, अंगदान कर 3 लोगों को दी जिंदगी
इंदौर: मध्य प्रदेश के इंदौर निवासी संतोष तलरेजा की बेटी अंजलि को हरदा में एक गाड़ी ने टक्कर मार दी थी, जिसके बाद अंजलि के सिर में गंभीर चोटें आईं थी। उसे शैलबी अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया। लेकिन अंजलि मरकर भी अमर हो गई क्योंकि उसके द्वारा दान किए अंगों से तीन लोगों को नई जिंदगी मिल गई।
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शैलबी अस्पताल में अंजलि को ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया था। इसकी जानकारी मिलते ही कुछ NGO ने अंजलि के माता-पिता से संपर्क किया और उन्हें अंगदान करने के लिए प्रेरित किया। काफी देर बाद वो लोग इसके लिए तैयार हो गए। बताया जाता है कि अंजलि के किडनी को शैलबी अस्पताल में ही दो मरीजों को ट्रांसप्लांट कर दिया गया जबकि लीवर को कोथराम अस्पताल में एक मरीज को ट्रांसप्लांट किया गया।
वहीं, अंजलि की आंख एमके इंटरनैशनल आई बैंक को दान कर दी गई। जबकि अंगदान के लिए इंदौर में ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया। लीवर के लिए सीएलएल अस्पताल और किडनी के लिए कोथराम अस्पताल तक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया। इसके बाद एंबुलेंस बिना जाम में फंसे अंग लेकर मरीज के पास पहुंची और और डॉक्टरों द्वारा सफलतापूर्वक उनको मरीज के शरीर में अंगों को ट्रांसप्लांट किया गया।
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