भैया, आप 'पंच' देने के चक्कर मे सारा भाषण पंक्चर कर देते हो...
राहुल भैया, भाषण में थोड़ा बहुत चलता है लेकिन ये जो 'डीडीएलजे' के रोमांस से छलांग लगाके सीधा 'घातक' के एक्शन पर पहुंच जाते हो ये ठीक नहीं है।
नई दिल्ली। राहुल गांधी तो पिछले काफी दिनों से उत्तर प्रदेश के चुनाव प्रचार में लगे हैं लेकिन अब उनकी बहन प्रियंका भी मैदान में आ गई हैं। दोनों भाई-बहन साथ-साथ रैलियां कर रहे हैं। स्टेज पर दोनों साथ बैठते हैं, तो बातचीत भी होने लगती है। फिर बात निकलती है तो दूर तलक जाती है। दोनों के बीच एक बातचीत पर हमने भी कान धर दिए।
राहुल- अच्छा किया तुम भी आ गईं.. अकेले मैं कहां तक संभालता चुनाव प्रचार को...
प्रिंयका- अरे भैया, मैं कहां आप ही संभाल रहे हैं। वैसे भी मैं कितनी भी मेहनत करुं, सुर्खियां तो आप को ही बन जाना है।
राहुल- नहीं ऐसी बात तो नहीं है। तुम ऐसा क्यों कह रही हो?
प्रियंका- तुम्हें अपने भाषण में कुछ ना कुछ ऐसा कर ही देना है कि मेरी सारी मेहनत बराबर हो जाएगी।
राहुल- मैंने ऐसा किया क्या?
प्रियंका- भैया, किया कुछ नहीं। बस ज्यादा 'पंच' देने की कोशिश मत दिया करो भाषण में, वहीं मामला खराब हो जाता है।
राहुल- थोड़ा-बहुत तो कलाकारी भाषण में लानी ही पड़ेगी...
प्रियंका- हां, भाषण में थोड़ा-बहुत चलता है लेकिन ये जो 'डीडीएलजे' से छलांग लगाके 'घातक' पर पहुंचते हो और वहां से 'पाकीजा'... ये ठीक नहीं है।
राहुल- अच्छा, ये बताओ कि आज मेरा भाषण कैसा था?
प्रियंका- कॉमेडी शॉ जैसा था।
राहुल- अरे तुम ऐसे क्यों बोलती हो? आज मैंने क्या कुछ नहीं कहा भाषण में... और देखो पीएम मोदी को कितना तगड़ा करके घेरा...
प्रियंका- घेरा, वो जो तुम बीच में चुप हो गए था ना...
राहुल- लेकिन वो तो मैं पीएम मोदी की नकल कर रहा था कि कर्जमाफी के नाम पर वो कैसे चुप हो जाते हैं...
प्रियंका- वही तो गलती कर गए... लोगों को लगा कि फिर से कुछ भूल गए हो तुम...
राहुल- ऐसा क्यों?
प्रियंका- मोदी जी कभी चुप रह सकते हैं क्या? एक ही बात तो समझ में आई है उस बंदे की कि चुप नहीं रहा जाएगा उनसे। एक बात और बताओ..
राहुल- हां पूछो..
प्रियंका- अखिलेश के साथ प्रेस-कॉन्फ्रेंस में यूपी में सीटें कितनी बता रहे थे तुम??? भाई तुम्हें यूपी की सीटें भी याद नहीं???
प्रियंका- वो मैं क्या?? पता है तो चलो अब बताओ कितनी हैं सीटें यूपी में?
राहुल- मुझे तुम्हारे साथ बात ही नहीं करनी है.. बाय।
(यह एक व्यंग्य लेख है)
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