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नरेंद्र भाई, मैंने मंदिर से पहले 'संवैधानिक' जोड़ दिया है, चुनाव बाद बचा लेगा..

हमारे घोषणा-पत्र को देखकर कुछ लोगों को तो यकीन ही नहीं आ रहा कि ये इसी लोक का है, एकदम रामराज टाइप फील आ रहा है जनता को।

By Rizwan
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नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में चुनावी पारा चढ़ चुका है। एक के बाद एक हर पार्टी वादे कर रही है। अखिलेश सरकार ने घी-दूध देने की बात कही तो आज भारतीय जनता पार्टी ने भी अपना वादों का पिटारा खोल दिया। अब इस पर अध्यक्ष जी सोचने बैठे तो चकरा गए।

मंदिर से पहले 'संवैधानिक' जोड़ दिया है, चुनाव बाद बचा लेगा..

भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह ने जब अपने घोषणा-पत्र को जारी किया तो खबर बनाने वाले भी सोचते रहे कि शुरू तो हो गया, खत्म कब होगा? खैर... घोषणा-पत्र जारी करके शाह भीतर कमरे में बैठे थे, तभी पीएम मोदी भी आ गए। पीएम शाह को देखकर समझ गए कि मामला क्या है।

मोदी- अब मुंह लटकाए हुए हो... मैंने कहा था कि गोवा की चुनावी रैली से लौट कर आ जाऊं तब घोषणा-पत्र जारी करना... मैं एक बार और ठीक से देख लेता और कुछ जोड़-घटा कर लेता तो तब ये घोषणा-पत्र...

शाह- वो तो ठीक है पीएम साब लेकिन कुछ मजबूरी भी तो थी। आखिर अब और कितना लेट करते मेनिफोस्टो को... सीएम कैंडिडेट के लिए ही अखिलेश और मायावती इतने तंज कस चुकी हैं कि बस पूछिए मत.. अब इसके लिए भी सुनता?

मोदी- अच्छा.. खैर ठीक है। बताओं क्या घोषणाएं की हैं और परेशानी क्या है?

शाह- जी वो हर लड़की को मुफ्त शिक्षा, गरीब बेटी को 5000 रुपए, 25 नए मेडिकल कॉलेज, छह नए एम्स, हर ब्लॉक में दवाखाना, छोटे किसानों का कर्जा माफ, गन्ना किसानों को 14 दिन के भीतर उसका दाम, सरकार बनने के 45 दिन बाद ही सारे अपराधी जेल में और...

पीएम - और ???? और भी कुछ बचा है।

शाह- अभी सुनिए तो.... अभी तो पांच फीसदी बातें भी नहीं बताई मैंने आपको..

पीएम- अमित जी भाई शाह... किसने कहा था इतना लंबा फेकने के लिए???

शाह- देखिए... बुरा मत मानिएगा लेकिन आपके साथ रहने की वजह से ही...

पीएम- अरे, मेरे साथ रहने से मतलब... आप जैसे पुराने दोस्त भी हमें ऐसी बातें कहेंगे.. खैर, छोड़ो उस बात को.. लेकिन अमित भाई ये वादे कुछ ज्यादा नहीं हो गए...ये क्यों किया?

शाह- दरअसल.. दूसरी पार्टियों की काट भी तो करनी है, जैसे अखिलेश के मैनिफेस्टो को छोटा दिखाने के लिए... सब कह रहे थे अखिलेश ने तो कुछ ज्यादा ही वादे कर दिए दूध-घी भी देगा... अब हमारे घोषणा-पत्र को देखकर कुछ लोगों को तो यकीन ही नहीं आ रहा कि ये इसी लोक का है, एकदम रामराज टाइप फील आ रहा है।

मोदी- लेकिन इससे सपा को कमजोर कैसे किया जाएगा..?

शाह- वो लैपटॉप देते हैं तो मैंने नेट का भी वायदा कर दिया... उनको फीका तो कर दिया ना..

मोदी- इतनी लंबी-चौड़ी.... मान लेंगे लोग?

शाह- अमेरिकी के मान गए ट्रंप ने तो फेंकते हुए लंबाई-चौड़ाई कुछ भी नहीं देखा... ये तो यूपी है...

मोदी- अमित भाई, मुझे लगता है क मंदिर की बात नहीं करनी थी, फिर सब जवाब मांगते हैं, कहते हैं कितने दिन में बनाओगे...

शाह- नरेंद्र भाई... मैंने मंदिर से पहले 'संवैधानिक' जोड़ दिया है, वो बचा लेगा।

मोदी- अरे तुम समझ नहीं रहे हो... अभी मेरी 2014 के वादों से जान नहीं छूटी है और तुम...

शाह- 2014 की बातें अब क्या करते हो नरेंद्र भाई...

पीएम- कैसे ना करूं?? ट्विटर पर कोई भी '15 लाख कहां है?' कह के निकल जाता है.. हर आदमी तंज करता है अच्छे दिन कहां हैं?

शाह- हां सो तो है.. ये तो लोग मुझे भी बहुत कहते हैं कि 15 लाख से कुछ भिवजा दें।

पीएम- अब यूपी में अगर सरकार बन गई तो कहां से लाकर देंगे ये सब चीजें...

शाह- आप घबराइए मत... मैं देख लूंगा।

मोदी- आप तो रहने ही दीजिए शाह जी... फिर किसी से कह दीजिएगा कि वो जो बोला था, वो तो जुमला...

(यह एक व्यंग्य लेख है)

"बाहुबली को तो कटप्पा ने मार दिया था, फिर हम पार्टी में कहां से ले आए?"

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English summary
satire amit shah and narendra modi discuss manifesto
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