हमाई तो टीपू ना तुम शादी में माने ना राजनीति में, हमसे तो बस आशीवाद ही लिए
नेताजी, आप जहां चाहे प्रचार करिए, हम मना थोड़े ना कर रहे हैं। फिर भी कम से कम उस दिन तो हम आपको प्रचार ना करने देंगे, जिस दिन आप अकेले में शिवपाल चाचा से बात करके प्रचार के लिए आओगे...
नई दिल्ली। मुलायम सिंह यादव हर रोज नए-नए लपेटे ले रहे हैं। कभी नीम हो जाते हैं तो कभी शहद, कभी अखिलेश को हराने की बात करते हैं तो कभी उनको जिताने की... अब नेताजी मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश के लिए चुनाव प्रचार की बात कही है लेकिन इस पर अखिलेश क्या कह रहे हैं।
नेताजी- हमाए आशीवाद तुमाए साथ टीपू और हम तुमे इलेक्शन जितावाएंगे।
अखिलेश- नेताजी, हमें इस बात की खुशी है कि आपने आखिर हमें खुलकर आशीर्वाद दे दिया।
नेताजी- अब हमे किसी का डर नहीं, अंकल-वंकल सब किनारे हो गए हैं।
अखिलेश- नेताजी, आप भी अखाड़े के खिलाड़ी हैं... ऐसे ही थोड़ी ना है...
नेताजी- देको अक्लेस, हम हैं तो तुम्हारे पिता ही ना... तुम्हें अकेला थोड़े ही छोड़ देंगे। हमाए आशीर्वाद हमेशा तुमाए साथ है।
अखिलेश- तो फिर नेताजी गुस्सा छोड़ दीजिए... आप कांग्रेस को भी आशीर्वाद दे दीजिए।
नेताजी- हम तो हमेशा ही आशीर्वाद दिए हैं उन सभी को जो तुम्हारे साथ आए... हमाई मर्जी से आए हों या गैरमर्जी.. तुम ना अपनी शादी में हमाई बात मानें ना टिकट बंटवारे में ना पार्टी अध्यक्ष बनने में... हम तो हर बार आखिर में आशीवाद ही दिए, इस बार भी हम क्या कर सकते हैं जब तुमको राहुल का साथ पसंद है..
अखिलेश- आपके आशीर्वाद से कार्यकर्ता दोगुने उत्साह से समाजवादियों की सरकार बनाने के लिए जुट जाएंगे।
नेताजी- बूढ़ा थोड़े गए हैं हम अभी से कि बस आशीवाद.. चुनाव में भी जाएंगे, पाटी के लिए प्रचार करेंगे...
अखिलेश- नेताजी, आप शिवपाल चाचा के लिए प्रचार करिए... हम तो देख लेंगे खुद ही...
नेताजी- क्या मानते हो कि हमाई अब कोई मानता नहीं.. ? सबको अपनी तरह ही मानते हो? हमाए चाहने वाले अभी बहुत हैं प्रदेश में...
अखिलेश- नेताजी, आप जहां चाहे प्रचार करिए, हम मना थोड़े ना कर रहे हैं। फिर भी कम से कम उस दिन तो हम आपको प्रचार ना करने देंगे, जिस दिन आप अकेले में शिवपाल चाचा से बात करके आओगे प्रचार के लिए... आपका कुछ पता नाए कब नीम हो जाओ कब शहद... और चाचा से मिलते ही तो आप बहुत कड़वे हो जाते हो..
नेताजी- तो क्या विश्वास नहीं करते हो हमाए ऊपर टीपू?
अखिलेश- अरे नेताजी विश्वास तो है लेकिन फिर भी रिस्क तो नहीं ले सकते हैं हम... पिछले कुछ दिनों से पता नहीं चल रहा है कि आप किस गाने का अंतरा उठाके किस के मुखड़े से चिपका दें...
नेताजी- वाह अक्लेस, राहुल का साथ क्या मिला हमें भी भूल गया..?
अखिलेश- भूलेंगे नहीं नेताजी.. लोकसभा चुनावों में फिर आएंगे आपका आशीर्वाद लेने.....
(यह एक व्यंग्य लेख है)
टीपू भैया, उधार के हाथ से अच्छा तो चाचा को बैठा लेते साइकिल पर.. मस्त घंटी बजाते