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संता का पत्नी से झगड़ा
बंता (संता से)- मेरी पत्नी ने।
संता (बंता से)- लेकिन इस पर कुछ लिखा क्यों नहीं है?
बंता (संता से)- क्योंकि आजकल हमारे बीच बोलचाल बंद है।
संता
(बंता
से)-
तुम
सोकर
कितने
बजे
उठते
हो?
बंता
(संता
से)-
जब
सूरज
की
किरणें
खिड़कियों
से
होकर
मेरे
कमरे
में
आने
लगती
हैं।
संता
(बंता
से)-
वाह,
तुम
तो
एकदम
सुबह
उठ
जाते
हो।
बंता
(संता
से)-
नहीं,
दरअसल
मेरी
खिड़कियां
पश्चिम
की
तरफ
खुलती
हैं।
संता
(प्रेमिका
से)-
मैं
आजकल
साहित्य
की
सेवा
में
लगा
हूं।
प्रेमिका
(संता
से)-
सच!
क्या
काम
कर
रहे
हो?
संता
(प्रेमिका
से)-
साहित्यकार
की
पुस्तकों
पर
जिल्दें
चढ़ा
रहा
हूं।
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