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UPTET: एक गोला गलत भरने से लटक गए 20,000 से ज्यादा अभ्यर्थियों के भविष्य

जिन अभ्यर्थियों ने ओएमआर शीट पर रजिस्ट्रेशन नंबर, रोल नंबर, बुकलेट सीरीज या भाषा आदि का गोला गलत तरीके से भरा था या आंशिक रूप से भरा था या खाली छोड़ दिया था, उनको भारी नुकसान हुआ था।

By Gaurav Dwivedi
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इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा यानी टीईटी 2017 में हजारों अभ्यर्थियों का परिणाम अवैध यानी इनवैलिड घोषित कर दिया गया है। इनकी संख्या 20,000 से अधिक है और अब इनका भविष्य विभाग की आगे की रणनीति पर होगा। यह ऐसे अभ्यार्थी हैं, जिन्होंने परीक्षा के दौरान बुकलेट में गलतियां कर दी हैं। परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय द्वारा उन अभ्यार्थियों के रिजल्ट नहीं जारी किए गए, जिन्होंने बुकलेट पर रजिस्ट्रेशन यानी रोल नंबर आदि में गलतियां कर दी थी। फिलहाल अब यह मामला निश्चित तौर पर तूल पकड़ेगा।

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क्या हुई गलती?

जिन अभ्यर्थियों ने ओएमआर शीट पर रजिस्ट्रेशन नंबर, रोल नंबर, बुकलेट सीरीज या भाषा आदि का गोला गलत तरीके से भरा था या आंशिक रूप से भरा था या खाली छोड़ दिया था, उनका परिणाम अभी जारी नहीं किया गया है। जब अभ्यर्थी अपना रजिस्ट्रेशन नंबर डालकर परिणाम चेक कर रहे हैं तो उनके रिजल्ट के ऑप्शन में इनवैलिड लिखकर आ रहा है। जिन अभ्यर्थी ने सबकुछ सही भरा लेकिन गोला करने में भी गलती की है, उनका भी रिजल्ट अवैध हो चुका है। फिलहाल माना यह जा रहा है कि जिनके ओएमआर शीट में गलतियां थी, उनका रिजल्ट चेक ही नहीं किया गया होगा।

यूपीपीएससी देता है छूट

अगर बात उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की करें तो आयोग अपनी तमाम ऐसी भर्तियों में एक नजीर बन कर सामने आया था। आयोग अपूर्ण व गलत प्रविष्ठियां भरने वाले अभ्यर्थियों को राहत देता है और प्रत्यावेदन लेकर संबंधित अभ्यार्थी का रिजल्ट जारी करता है। लोक सेवा आयोग की कई भर्तियों में इस तरह के मामले सामने आए और आयोग ने प्रत्यावेदन लेकर उनका निपटारा कर दिया। अगर ऐसे में UPTET को लेकर विवाद सामने आया है तो परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय को भी लोकसेवा आयोग की नीति के तहत प्रत्यावेदन लेकर रिजल्ट जारी करना होगा।

UPTET: Future of more than 20,000 candidates hanging from a circle to misfill in Exam

कोर्ट ने भी दिया था आदेश

आपको याद दिला दें कि दिल्ली हाईकोर्ट ने भी यह साफ-साफ लफ्जो में कहा था कि मनुष्य कोई रोबोट नहीं है। मानवीय त्रुटियों के आधार पर किसी अभ्यर्थी का परीक्षा परिणाम नहीं रोका जा सकता उसे प्रत्यावेदन का मौका मिलना चाहिए। ऐसे में दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को आधार बनाकर अभ्यार्थी न्यायिक व्यवस्था से मदद के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं। फिलहाल संभावना है कि परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय की ओर से इस बाबत कोई आदेश जारी किया जाएगा और अभ्यार्थियों को राहत दी जाएगी।

लगातार चल रहा है विवाद

टीईटी 2017 परीक्षा के बाद जब आंसर-की जारी हुई उसके बाद से ही लगातार विवादों का दौर शुरू हो गया। अभ्यर्थियों ने परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय पर जहां आरोपों की झड़ी लगा दी, वहीं मामले को कोर्ट में भी घसीटा। यही कारण है कि रिजल्ट जारी होने के बाद भी अब भी मामला हाईकोर्ट में चल रहा है और परिणाम कोर्ट के अंतरिम फैसले के आधीन है। फिलहाल अभ्यार्थी इलाहाबाद स्थित परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय का घेराव करेंगे और इनवैलिड दिखाए जा रहे रिजल्ट को भी घोषित करने की अपनी मांग सामने रखेंगे। बता दें कि उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा का रिजल्ट इस बार मात्र 11 दशमलव 11 प्रतिशत रहा है ऐसे में रुके हुए रिजल्ट को घोषित करने के बाद शायद कुछ पासिंग प्रतिशत बढ़ सकता है।

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English summary
UPTET: Future of more than 20,000 candidates hanging from a circle to misfill in Exam
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