तीन नहीं चार साल में पूरा होगा ग्रेजुएशन, यूजीसी ने की सिफारिश
नई दिल्ली। यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) ने की समिति ने चार साल के स्नातक कार्यक्रम (एफवाईयूपी) को लागू करने की सिफारिश की है। चार सदस्यीय समिति ने अपनी रिपोर्ट में तीन साल के स्नातक को चार साल के कार्यक्रम में बदलने का सुझाव दिया है। समिति ने कॉलेजों में बेहतर रिसर्च हो, इसलिए ये सुझाव दिया है। ये सिफारिशें मंजूर हुई तो ग्रेजुएशन पूरा करने में चार साल लगेंगे।
प्रोफेसर पी बालाराम समिति की सिफारिशें
चार साल के अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम पर लंबे समय से चर्चा चल रही थी। पांच साल बाद यूजीसी की समिति ने फिर से चार साल की डिग्री शुरु करने की सिफारिश की है। भारतीय विज्ञान संस्थान के पूर्व निदेशक प्रोफेसर पी बालाराम की अध्यक्षता में बनी समिति ने ये सिफारिशें की हैं।
पहले भी आया था प्रस्ताव
दिल्ली विश्वविद्यालय ने पूर्व कुलपति दिनेश सिंह के कार्यकाल के दौरान भी चार साल के स्नातक का प्रस्ताव पेश किया था, दिसे उस वक्त की मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने खारिज कर दिया था।
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समिति की सिफारिशें-
- दो साल के एमए और एएमएससी कार्यकर्मों में रिसर्च प्रोजेक्ट पर जोर की बात कही गई है।
- ऐसे स्नातक कार्यक्रमों को बंद करने को कहा गया है जो केवल विशेष विषयों में प्रशिक्षण देते हैं।
- सभी पूर्णकालिक स्नातक कार्यक्रमों को व्यापक-आधारत (ब्रॉड बेस्ड) होना चाहिए।
- ऐसे व्यावसायिक पाठ्यक्रम जो नौकरियों की सुविधा भी देते है, उन्हें डिप्लोमा पाठ्यक्रम के तौर पर अलग चलाया जाए।