NEET exam result 2020: जानिए कैसे कैलकुलेट होते हैं नीट पर्सेंटाइल, मार्क्स और रैंक
नई दिल्ली। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) नीट (राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा) अंडर ग्रेजुएट परीक्षा का रिजल्ट आज यानी 16 अक्टूबर को जारी कर रहा है। रिजल्ट आधिकारिक वेबसाइट nta.ac.in या ntaneet.nic.in पर जारी किया जाएगा। तो चलिए जान लेते हैं कि नीट पर्सेंटाइल, मार्क्स और रैंक को कैसे कैलकुलेट किया जाता है। एनटीए नीट परीक्षा का रिजल्ट जारी करने से पहले फाइनल आंसर की जारी करेगा। नीट परीक्षा के रिजल्ट के साथ एनटीए अंकों के आधार पर नीट 2020 रैंक लिस्ट भी जारी करेगा।
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जहां सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों को पास होने के लिए न्यूनतम 50 पर्सेंटाइल लाना जरूरी होता है। वहीं आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों को कम से कम 40 पर्सेंटाइल लाना जरूरी होता है।
नीट अंक या स्कोर कैसे कैलकुलेट होते हैं-
उम्मीदवार नीट आंसर-की की मदद से अपने नीट अंक या नीट स्कोर को कैलकुलेट कर सकते हैं। इसके लिए आंसर-की में ये देखना होगा कि किन सवालों का आपने सही जवाब दिया है और किनका गलत जवाब दिया है। हर सही उत्तर देने पर 4 अंक मिलेंगे और गलत देने पर 1 अंक कट जाएगा। इसके अलावा जिन सवालों का जवाब नहीं दिया गया है या फिर जिनमें एक से ज्यादा विकल्पों पर मार्क किया गया है, उनमें कोई अंक नहीं मिलेगा। ये परीक्षा 720 अंक की होती है। यानी 180 एमसीक्यू X 4 = 720 अंक।
नीट की रैंक कैसे कैलकुलेट होती है-
एनटीए रैंक लिस्ट में नीट की रैंक कैलकुलेट करता है और उसे घोषित करता है। आप पिछले साल के नीट स्कोर और नीट रैंक को देखकर अपनी रैंक का अनुमान लगा सकते हैं। लेकिन नीट परीक्षा का रिजल्ट आने से पहले सटीक रैंक की गणना करना मुमकिन नहीं है। वहीं रैंक लिस्ट तैयार करने के लिए एनटीए सभी उम्मीदवारों के नीट स्कोर को ध्यान में रखता है और कुछ टाई-ब्रेकर विधियों का इस्तेमाल करता है। ताकि समान नीट स्कोर या नीट अंक लाने वाले उम्मीदवारों की रैंक तैयार की जा सके।
टाई ब्रेकिंग के लिए इन तरीकों का होता है इस्तेमाल-
अगर दो या उससे अधिक उम्मीदवारों के समान अंक होते हैं, तो टाई ब्रेकिंग के लिए जीव विज्ञान (संयुक्त बॉटनी और जूलॉजी सेक्शन) में उच्च अंक लाने पर उच्च रैंक दी जाती है। ये तरीका अगर काम ना आए तो रसायन विज्ञान में उच्च अंक टाई ब्रेकिंग के लिए इस्तेमाल होता है। इसके अलावा सबसे कम गलत उत्तर देने वाले उम्मीदवारों को उच्च रैंक दी जाती है। फिर भी टाई हल ना हो तो उम्र के आधार पर रैंक दी जाती है और पुराने उम्मीदवारों को उच्च स्थान पर रखा जाता है।
नीट पर्सेंटाइल निर्धारित करने के दो तरीके होते हैं-
अंक के आधार पर-
आप अपने नीट स्कोर और उस संबंधित साल में नीट टॉपर के अंक की मदद से अपने नीट पर्सेंटाइल की गणना कर सकते हैं।
नीट पर्सेंटाइल= आपके नीट स्कोर* 100 / टॉपर के नीट स्कोर
रैंक के आधार पर-
आप अपनी नीट रैंक और उस संबंधित साल में नीट परीक्षा देने वाले उम्मीदवारों की संख्या के आधार पर अपने पर्सेंटाइल की गणना कर सकते हैं।
नीट प्रर्सेंटाइल= [(नीट रैंक प्रदर्शित करने वाले उम्मीदवारों की संख्या) /परीक्षा देने वाले कुल उम्मीदवारों की संख्या] x 100
ये तरीका पिछले वाले की तुलना में काफी पेचीदा माना जाता है।
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