जिस सब्जेक्ट की टीचर थी पत्नी उसी को चुनकर यूपीएससी में हासिल की सफलता
नई दिल्ली। संघ लोकसेवा आयोग की सिविल सर्विसेज 2018 की परीक्षा के नतीजे घोषित हो चुके हैं। इसमें 340वीं रैंक के साथ सफल होने वाले प्रतीक बायन की इस सफलता का किस्सा दिलचस्प है। दरअसल इसमें उनकी मेहनत तो है ही लेकिन कुछ श्रेय उनकी पत्नी को भी जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि उन्होंने अपनी पत्नी के सब्जेक्ट को ही वैकल्पिक विषय के रूप में चुना था। ये प्रतीक का दूसरा अटैंप्ट है। इससे पहले उन्हें 966वीं रैंक हासिल हुई थी और दिल्ली अंडमान निकोबाकर सिविल सर्विसेज में एसडीएम का पद मिला था।
प्रतीक को मिल सकता है आईएएस कैडर
सिविल सर्विसेज क्वालीफाई करने वालों को आईएएस, आईपीएस, आईआरएस इत्यादि कैडर उनकी रैंकिंग के आधार पर मिलता है। लेकिन प्रतीक का आरक्षित वर्ग से होने के कारण उन्हें आईएएस कैडर मिलना लगभग तय है। बता दें कि इससे पहले 2017 में 27वीं रैंक के साथ प्रतीक आईएफएस के लिए चुने गए थे लेकिन सिविल की तैयारी के चलते उन्होंने ज्वाइनिंग को होल्ड कर दिया था।
पति पत्नी ने तैयारी कर साथ में दी थी परीक्षा
प्रतीक बायल ने एक न्यूज वेबसाइट को बातचीत में बताया कि उन्होंने पत्नी अंजली के साथ तैयारी कर साथ ही एग्जाम दिया था। अंजली एमएससी कर से दिल्ली में सरकारी टीचर है जबकि प्रतीक 2014 में आईआईटी दिल्ली से पास आउट हैं। दोनों ने पढ़ाई में एक दूसरे की मदद की और प्रतीक ने पत्नी की पकड़ वाले फिजिक्स को वैकल्पिक सबजेक्ट चुन लिया।
यूपीएससी में राजस्थान के कैंडिडेट्स का डंका
परीक्षा परिणाम में राजस्थान के कनिष्क कटारिया ने अखिल भारतीय स्तर पर प्रथम व अक्षत जैन ने दूसरा स्थान प्राप्त किया है। ये दोनों ही कैंडिडेट राजस्थान के जयपुर से हैं। कनिष्क ने आईआईटी बॉम्बे से इंजीनियरिंग कर सैमसंग में कोरिया में लाखों के पैकेज पर नौकरी कर रहे थे लेकिन डेढ़ साल नौकरी करने के बाद उन्होंने सिविस सेवा की तैयारी की।