LT Grade Teachers के लिए भर्ती विज्ञापन पर रोक, योगी सरकार को HC से झटका
ये नियम अब आने वाली नई भर्तियों पर लागू होना तय है, लेकिन सपा सरकार में शुरू हो चुकी शिक्षक भर्ती में इस नियम को लागू कर पाना अब योगी सरकार के लिए मुश्किल होगा।
इलाहाबाद। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश राजकीय इंटर कॉलेजों में एलटी ग्रेड शिक्षकों की भर्ती पर बड़ा फैसला सुनाया है। योगी सरकार को झटका देते हुए हाईकोर्ट ने नए विज्ञापन जारी करने पर रोक लगा दी है। हालांकि हाईकोर्ट ने सरकार को ये छूट भी दी है कि वो पूर्व में चल रही 9342 एलटी ग्रेड शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया चालू रख सकता है और अगर सरकार चाहे तो नियुक्ति आदि की भी कार्रवाई कर सकता है लेकिन शर्त ये होगी कि पुराने नियम के तहत ही ये भर्ती आगे बढ़ेगी।
सपा सरकार की थी भर्ती
गौरतलब है कि सपा सरकार में 19 दिसंबर 2016 को राजकीय इंटर कॉलेजों में एलटी ग्रेड शिक्षकों की भर्ती का विज्ञापन जारी हुआ था। कुल 9342 पदों पर शिक्षकों की भर्ती पूरी होनी थी। भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई और चयन प्रक्रिया क्वालिटी पॉइंट मार्क्स के आधार पर आगे बढ़ी, लेकिन इसी बीच सरकार बदली, सत्ता परिवर्तन के बाद यूपी में भाजपा का शासन शुरू हुआ और इस भर्ती पर रोक लगा दी गई।
लिखित परीक्षा का नियम
योगी सरकार में जब भर्ती प्रक्रिया शुरू करने का आदेश हुआ तो सरकार ने नियम बदल दिया और कहा की चयन प्रक्रिया अब क्वालिटी पॉइंट्स के आधार पर नहीं बल्कि लिखित परीक्षा के आधार पर होगी। यानि शिक्षक बनने के लिए अभ्यर्थियों को लिखित परीक्षा से गुजरना होगा। इस बाबत सरकार ने लोक सेवा आयोग को अधियाचन भेज दिया और लिखित परीक्षा कराए जाने की संस्तुति कर दी। सरकार के इस नियम के बाद भविष्य में अब जो परीक्षाएं शिक्षक बनने के लिए होनी है, उनमें लिखित परीक्षा का नियम लागू होगा। ये नियम अब आने वाली नई भर्तियों पर लागू होना तय है, लेकिन सपा सरकार में शुरू हो चुकी शिक्षक भर्ती में इस नियम को लागू कर पाना अब योगी सरकार के लिए मुश्किल होगा।
हाईकोर्ट में आदेश को चुनौती
सरकार की इसी प्रक्रिया और आदेश को अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी। याचिका पर न्यायमूर्ति सुनील कुमार ने सुनवाई शुरू की तो याचियों की ओर से अधिवक्ता ने दलील दी कि एक बार भर्ती प्रक्रिया शुरू हो जाने के बाद बीच में नियम नहीं बदला जा सकता। हाईकोर्ट ने फिलहाल नए विज्ञापन पर रोक लगा दी है। यानी एक तरह से सरकार द्वारा जो लिखित परीक्षा का नियम लागू किया गया था उस पर रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार से जवाब मांगा है। 8 फरवरी तक राज्य सरकार को जवाब दाखिल करना है। अगली सुनवाई की डेट 8 फरवरी को है और इस दिन मामले में सरकार का रुख स्पष्ट होगा
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