UPPSC : रजिस्ट्रार भर्ती परिणाम पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लगाई रोक
इलाहाबाद।
उत्तर
प्रदेश
लोक
सेवा
आयोग
की
कुलसचिव
(रजिस्ट्रार
)
भर्ती
के
परिणाम
पर
इलाहाबाद
हाईकोर्ट
ने
रोक
लगा
दी
है।
इस
भर्ती
का
रिजल्ट
पिछले
महीने
27
अप्रैल
को
जारी
किया
गया
था
और
कुल
12
लोगों
का
चयन
हुआ
था।
इस
रिजल्ट
को
इलाहाबाद
हाईकोर्ट
में
चैलेंज
करते
हुये
आयोग
की
कार्यप्रणाली
पर
सवाल
उठाये
गये।
जिस
पर
हाईकोर्ट
की
डबल
बेंच
ने
सुनवाई
की
और
आयोग
को
फटकार
लगाने
के
साथ
रजिस्ट्रार
भर्ती
परिणाम
पर
रोक
लगा
दी।
हाईकोर्ट
ने
यूपी
में
संचालित
15
राज्य
विश्वविद्यालय
के
सापेक्ष
सिर्फ
12
कुल
सचिव
के
चयन
पर
सवाल
उठाये
और
सीबीआइ
जांच
के
बीच
अतिरिक्त
कार्य
और
अतिरिक्त
लाभ
पर
भर्ती
प्रक्रिया
पर
जवाब
मांगा
है।
क्या
है
मामला
उत्तर
प्रदेश
लोक
सेवा
आयोग
में
2016
-
17
में
उच्च
शिक्षा
विभाग
उत्तर
प्रदेश
में,
उत्तर
प्रदेश
राज्य
विश्वविद्यालय
केंद्रीय
सेवा
के
अंतर्गत
कुल
सचिव
के
12
पदों
पर
विज्ञापन
निकाला।
इसमें
अनारक्षित
वर्ग
के
7,
अन्य
पिछड़ा
वर्ग
के
3
पद
व
अनुसूचित
जाति
के
2
पद
थे
।
इसमे
क्षैतिज
आरक्षण
के
तहत
महिलाओं
के
लिए
भी
2
पद
आरक्षित
थे।
सीधी
भर्ती
द्वारा
भर्ती
प्रक्रिया
शुरू
की
गई
और
25
-
26
अप्रैल
को
अभ्यर्थियों
का
इंटरव्यू
हुआ।
इंटरव्यू
के
बाद
12
अभ्यर्थियों
का
चयन
इस
भर्ती
में
किया
गया
और
27
को
रिजल्ट
घोषित
हुआ।
अब
इसी
रिजल्ट
पर
सवाल
उठाए
गए
हैं।
आयोग
फिर
घिरा
याचिका
में
आरोप
है
कि
आयोग
ने
15
कुलसचिव
के
पद
के
सापेक्ष
12
कुलसचिव
के
पदों
पर
विज्ञापन
निकाला।
जबकि
7
लोगों
का
चयन
पहले
ही
किया
गया
है
और
12
का
बाद
में
किया
गया।
आखिर
यह
कौन
सी
प्रक्रिया
अपनाई
जा
रही
है।
इस
पर
सुनवाई
करते
हुये
न्यायमूर्ति
सुधीर
अग्रवाल
और
न्यायमूर्ति
इफाकत
अली
खान
की
खंडपीठ
ने
आयोग
से
कडे
शब्दो
में
पूछा
कि
आखिर
अतिरिक्त
कार्य
और
अतिरिक्त
लाभ
पर
रिक्तियां
क्यों
और
कैसे
भरी
गईं
हैं?