10वीं, 12वीं में विषय बदलना होगा बेहद मुश्किल, बोर्ड ने बदले नियम
नई दिल्ली। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने 10वीं और 12वीं कक्षा में विषय बदलने के नियमों में बदलाव किया गया है। अब सिर्फ 15 जुलाई तक ही विषय बदलने का आग्रह स्वीकार किया जाएगा। सीबीएसई ने 10वीं, 12वीं क्लास में विषय बदलने के आवेदनों से निपटने के लिए एसओपी जारी की है। साथ ही सभी स्कूलों से कहा है कि छात्रों का विषय बदलने का कोई आग्रह इस आधार पर स्वीकार न करें कि वे अपने पढ़ाई की व्यवस्था खुद कर लेंगे।
बोर्ड की ओर से कहा गया है कि छात्र जब 10वीं और 12वीं कक्षा में आते हैं तो विभिन्न आधार पर विषय बदलना चाहते हैं। नए नियमों के बाद विषय बदलने का आग्रह तभी स्वीकार्य होगा, जब अनुरोध शैक्षणिक सत्र में ही किया गया हो। बोर्ड की ओर से स्कूलों को कहा गया है कि स्कूल छात्रों को 9वीं और 11वीं में ऐसे विषयों को चुनने की सलाह दें, जिन्हें छात्र अगली कक्षा में भी जारी रख सकें और जो स्कूल में उपलब्ध हों।
विषय बदलवाने को देने होंगे दस्तावेज
विषय बदलने के लिए इसके पीछे के कारण का समर्थन करने वाले दस्तावेजों के साथ आधिकारिक अनुरोध करना होगा। इसके बाद स्कूल यह जांचेंगे कि विषय बदलने का अनुरोध वास्तविक है और 9वीं व 11वीं कक्षा में छात्र का प्रदर्शन क्या था। साथ ही स्कूलों को यह भी देखना होगा कि क्या नया विषय उपलब्ध है और चुने गए विषय अध्ययन की योजना के अनुसार मान्य हैं। अभिभावकों का विषय बदलने का आग्रह दिए गए एक निर्धारित प्रारूप में होना चाहिए। इसके साथ पिछली कक्षा का अंक पत्र (यदि स्कूल बदला नहीं है), यदि स्कूल बदला है तो अंक पत्र और स्थानातंरण प्रमाण पत्र और सरकारी अस्पताल की ओर से जारी मेडिकल प्रमाण पत्र भी होना चाहिए। आग्रह मिलने के बाद स्कूल को अपने स्तर पर तय करना है कि क्या विषय बदलने की वजह सही है।
गुरुग्राम विश्वविद्यालय में विभिन्न पदों पर वैकेंसी, 10वीं, 12वीं, स्नातक के लिए मौके