CBSE 12th Exam:सीबीएसई 12वीं की परीक्षा को लेकर किस राज्य में क्या है स्थिति, जानें ताजा जानकारी
CBSE 12th Exam: सीबीएसई 12वीं की परीक्षा को लेकर किस राज्य में क्या है स्थिति, जानें ताजा जानकारी
नई दिल्ली, 27 मई: कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बीच सीबीएसई के 12वीं बोर्ड की परीक्षाओं की तारीखों को लेकर छात्र अभी भी दुविधा में हैं। शिक्षा मंत्रालय द्वारा सीबीएसई के 12वीं क्लास के एग्जाम को लेकर की गई बैठकों के बाद 32 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) में से 29 राज्यों ने सीबीएसई के 12वीं बोर्ड परीक्षा के साथ आगे बढ़ने के प्रस्ताव का समर्थन किया है। वहीं दिल्ली, महाराष्ट्र, गोवा और अंडमान और निकोबार ने कोरोना महामारी के दौरान मौजूदा परिस्थितियों में बोर्ड परीक्षा कराए जाने का विरोध किया है। बुधवार (26 मई) तक, ओडिशा को छोड़कर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने केंद्र सरकार के साथ अपनी प्रतिक्रिया साझा की थी। शिक्षा मंत्रालय इन सारे फीडबैग को गंभीरता से ले रहा है और 1 जून तक बोर्ड परीक्षाओं पर निर्णय की घोषणा करेगा।
सीबीएसई ने इन 2 विकल्पों पर परीक्षा कराने के दिए ऑप्शन
23 मई को सीबीएसई 12वीं की परीक्षा को शिक्षा मंत्रालय द्वारा बैठक की गई थी। सीबीएसई ने बैठक के बाद इस साल सिर्फ प्रमुख विषयों की परीक्षा कराए जाने संबंधी दो विकल्प राज्यों को दिए हैं। पहले प्रस्ताव में सीबीएसई ने 19 बड़े विषयों की परीक्षा मौजूदा फॉर्मेट में कराने की बात कही है। वहीं दूसरे विकल्प में बडे़ विषयों की परीक्षा अपने स्कूल में ही कराने की बात कही गई है। इसमें परीक्षा की अवधि को घटा कर 90 मिनट किए जाने की भी बात कही गई है।
मौजूदा फॉर्मेट में ये 3 राज्य चाहते हैं 12वीं की परीक्षा
सीबीएसई 12वीं की परीक्षा के लिए 'हां' कहने वाले लगभग 29 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने सीबीएसई के दूसरे विकल्प में परीक्षा आयोजित कराने के संकते दिए हैं या फिर या मामले पर केंद्र के फैसले का समर्थन करने के लिए सहमत हुए हैं।
केवल राजस्थान, त्रिपुरा, तेलंगाना ने पहले विकल्प को चुना है। यानी ये तीनों राज्य चाहते हैं कति मौजूदा फॉर्मेट में परीक्षा कराई जाए। वहीं पंजाब, झारखंड, सिक्किम, दमन और दीव जैसे राज्यों ने सुझाव दिया है कि सभी छात्रों और शिक्षकों के टीकाकरण के बाद ही परीक्षा आयोजित की जानी चाहिए।
जबकि केरल और असम ने भी अपनी प्रतिक्रिया में टीकाकरण का उल्लेख किया है, हालांकि उन्होंने ऐसी कोई शर्त नहीं रखी है। शिक्षा मंत्रालय को लिखे अपने पत्र में, दिल्ली और महाराष्ट्र ने भी शिक्षकों और छात्रों को टीकाकरण के महत्व पर जोर दिया।
तमिलनाडु, कर्नाटक, हरियाणा और मध्य प्रदेश ने केंद्र सरकार से प्रश्न पत्र के पैटर्न में बहुत अधिक बदलाव नहीं करने का अनुरोध किया है। जबकि उत्तराखंड, असम और उत्तर प्रदेश ने कहा है कि अगर परीक्षा जुलाई में आयोजित कराई जाए तो बेहतर होगा।