गुजरात के CM विजय रुपाणी ने जिस Dragon Fruit का नाम रखा 'कमलम', जानिए उसको खाने के फायदे
Dragon Fruit:गुजरात में अब ड्रैगन फ्रूट को 'कमलम'(Kamalam) के नाम से जाना जाएगा, क्योंकि यह देखने में 'कमल' की तरह लगता है। इस बात की घोषणा करते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी (Gujarat CM Vijay Rupani) ने ऐलान किया कि 'राज्य सरकार ने ड्रैगन फ्रूट का नाम बदलने का फैसला किया है। क्योंकि, इस फल का बाहरी आकार कमल की तरह है, इसलिए ड्रैगन फ्रूट को 'कमलम' के नाम से जाना जाएगा।' उन्होंने कहा कि 'ड्रैगन फ्रूट ( Dragon Fruit)का नाम चीन (China) से जुड़ा हुआ है और हमने इसे बदल दिया है।' कमल (Lotus) शब्द को संस्कृत में कमलम कहा जाता है और कमल सत्ताधारी बीजेपी(BJP) का आधिकारिक चुनाव निशान भी है, इसलिए गुजरात सरकार के फैसले पर सियासी प्रतिक्रिया होना स्वाभाविक है। लेकिन, हम इस विवाद में ना पड़कर इस फल के फायदे और इसके गुणों जानने की कोशिश करते हैं।
ड्रैगन फ्रूट नाम क्यों पड़ा नाम ?
ड्रैगन फ्रूट को पिटाया (Pitaya) या पिटाहाया (Pitahaya) नाम से भी जाना जाता है, जो कि मूल रूप से अमेरिकी फल है। कैक्टस प्रजाति के ये फल लगभग 20 प्रकार के होते हैं। अमेरिका के कुछ इलाकों में इसे स्ट्रॉबेरी पीयर के नाम से भी जानते हैं। इस फल को खाने का प्रचलन मेक्सिको और सेंट्रल एशिया में ज्यादा है। लेकिन, आजकल इसकी खेती भारत में भी होने लगी है। इसके अलावा अमेरिका, कैरीबियाई देश, चीन, वियतनाम और ऑस्ट्रेलिया में भी इसकी खेती की जा रही है। 1963 में इस फल का नाम ड्रैगन फ्रूट दिया गया, क्योंकि बाहर से देखने में यह अपने कांटों की वजह से ड्रैगन की तरह नजर आता है। इस फल की कड़वी और मीठी दोनों तरह की प्रजातियां हैं, लेकिन ज्यादातर देशों में मीठी वाले को ही लोग खाना पसंद करते हैं।
कई बीमारियों का खतरा कम करता है ड्रैगन फ्रूट
देखने में बेहद आकर्षक नजर आने वाले इस फल को खाने से होने वाले फायदे की वजह से इसे सुपरफ्रूट(Super Fruit) भी माना जाता है। कई शोध बताते हैं कि यह फल सेहत के लिए बहुत ही लाभदायक है, क्योंकि यह एंटी-ऑक्सीडेंट(antioxidant) होने के साथ-साथ विटामिन (vitamin) और मिनरल (minerals) से भी भरपूर है। रिसर्च में यह बात सामने आई है कि इसके इस्तेमाल से हृदय रोगों, डायबिटीज और कैंसर तक का खतरा कम होता है। सबसे बड़ी बात है कि बहुत कम ही फलों में आयरन होता है, लेकिन इसमें विटामिन सी के साथ-साथ आयरन भी है, जिससे शरीर में आयरन (iron) अवशोषण की गति काफी बढ़ जाती है।
इम्यून सिस्टम ठीक करता है
इस फल में फाइबर (fiber), विटामिन सी (vitamin C) की प्रचूरता के साथ-साथ यह ऐंटी-ऑक्सिडेंट्स (antioxidant)भी है, जो इंसान के शरीर के लिए कई आवश्यकताओं का पूरक है। जैसे पहले बताया कि यह कैंसर के जोखिम को भी कम करता है तो खाने में फाइबर का इस्तेमाल तो वैसे ही कई समस्याओं का निदान है। इनके अलावा ड्रैगन फ्रूट में लायकोपीन और बीटा कैरोटीन भी होता है। आजकल जैसे इम्यून सिस्टम बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है, उस नजरिए से भी 'कमलम' काफी बेतरीन माना जाता है, जो आपके पाचन-तंत्र को भी ठीक रखता है और शरीर के पोषण (nutrition) के लिए कारगर है।
इस तरह से कर सकते हैं इस्तेमाल
ड्रैगन फ्रूट देखने में जितना ही असामान्य लगता है, इसके खाने का तरीका उतना ही आसान है। इसे सलाद में या इसका जूस बनाकर या फिर डेजर्ट की तरह लिया जा सकता है। आमतौर पर बाजारों में चार तरह के ड्रैगन फ्रूट मिलते हैं। तीन गुलाबी रंग के होते हैं और चौथा पीले रंग का। इसके अंदर का खाने वाला हिस्सा एक में सफेद, एक में लाल और तीसरे में बैंगनी होता है। पीले रंग वाले का भी अंदरूनी हिस्सा सफेद होता है, लेकिन सभी में काले रंग की छोटी-छोटी बीज होती है, जिसे खाया जा सकता है, जैसे किवी (kiwifruit)का। जब खाना चाहते हैं तो इसे किवी की तरह ही बीच से काट सकते हैं और अंदर के हिस्से को चम्मच से निकाल ले सकते हैं। इसके ज्यादातर हिस्सा सीधे इस्तेमाल लायक होता है।
ड्रैगन फ्रूट का स्वाद कैसा होता है?
स्वाद की बात करें तो ड्रैगन फ्रूट मीठा और काफी स्वादिष्ट होता है। अगर ज्यादा स्पष्टता से बताऊं तो इसका स्वाद किवी (kiwi) और नाशपाती (pear) या किवी और तरबुज (watermelon)के बीच का होता है। इसके अंदर के खाने वाले हिस्से की बात करें तो यह मलाईदार महसूस होता है। लेकिन, सबसे बड़ी बात ये है कि गुनों की खान होने के बावजूद इस फल में कैलोरी बहुत ही कम होती है। अगर आप वजन कम करना चाहते हैं तो यह आपके लिए बेहतर विकल्प हो सकता है, क्योंकि फाइबर की अधिकता से पाचन में आसानी होगी और कैलोरी कम होने से आपका वजन भी घटेगा।
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