क्या सचमुच कोरोना वैक्सीन के जरिए मरीजों में प्लांट किया जाएगा माइक्रोचिप? जानिए Viral Video का सच
नई दिल्ली। कोरोना वायरस वैक्सीन को लेकर दुनिया भर के 25 से अधिक देश के वैज्ञानिक दिन-रात ट्रायल कर रहे हैं। इस बीच वैक्सीन को लेकर अफवाहों का बाजार भी गरम हो गया है। हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ है जिसके जरिए दावा किया जा रहा है कि कोविड-19 वैक्सीन में एक माइक्रोचिप भी इम्प्लांट किया गया है। हालांकि जब इस वायरल मैसेज की पड़ताल की गई तो दावा गलत साबित हुआ।
जानिए कोविड-19 वैक्सीन में माइक्रोचिप का सच
गौरतलब है कि दुनिया भर में 150 अधिक कोरोना वैक्सीन तैयार की गई हैं जिनमें से 25 का मानव परीक्षण के फेज में पहुंच चुकी हैं। इस बीच सोशल मीडिया पर एक वायरल मैसेज में कोविड-19 वैक्सीन का उपयोग नहीं करने के लिए कहा जा रहा है। मैसेज में दावा किया गया है कि वैक्सीन के जरिए मानव शरीर में एक माइक्रोचिप का प्रत्यारोपण किया जा रहा है। मैसेज के साथ एक वीडियो को भी साझा किया जा रहा है।
वायरल मैसेज में किया जा रहा ये दावा
वीडियो में बोल रहा एक शख्स खुद को प्रोजेक्ट इंजीनियर बता रहा है, उसका कहना है कि वह माइक्रोचिप विकसित करने वाली टीम का हिस्सा था। लगभग 8 मिनट की वीडियो क्लिप को कई फेसबुक यूजर्स ने कैप्शन के साथ पोस्ट किया है। कैप्शन में लिखा गया है, 'एक प्रोजेक्ट इंजीनियर जिसने माइक्रोचिप बनाया है जिसे जल्द ही कोविड-19 वैक्सीन यूएसएस नॉट टू टेक आईटी के साथ लागू किया जाएगा। कृपया वीडियो को ध्यान से देखें।'
12 साल पुराना है वीडियो
हालांकि जब इस वायरल वीडियो की जांच की गई तो पता चला कि यह लगभग 12 साल पुराना है। वीडियो में भाषण कार्ल सैंडर्स नाम के एक अमेरिकी पादरी द्वारा दिया जा रहा था। यह सच है कि वह माइक्रोचिप्स के बारे में बोल रहे थे लेकिन उसका कोरोना वायरस से कोई संबंध नहीं है। 12 साल पहले तो कोविड-19 के बारे में किसी को जानकारी नहीं थी। शेयर किए गई वीडियो को कई जगह से एडिट भी किया गया है, इसको ध्यान से देखने पर कई जंप कट मिल जाएंगे।
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Fact Check
दावा
माइक्रोचिप बनाने वाले टीम के प्रोजेक्ट इंजीनियर ने खुलासा किया कि कोरोना वैक्सीन के जरिए मरीजों में माइक्रोचिप प्रत्यारोपित किया जाएगा।
नतीजा
वीडियो लगभग 12 साल पुराना है जिसमें पादरी कार्ल सैंडर्स भाषण देते हुए देखे जा सकते हैं। इसका कोरोना वैक्सीन से कोई संबंध नहीं है। इस बात का कोई सबूत नहीं है कि संभावित वैक्सीन में माइक्रोचिप होगा।