FAKE VIRAL: कोरोना पीड़ित डॉक्टर मौत से पहले बच्चों से मिला आखिरी बार, जानिए इस फोटो की सच्चाई
दिल्ली। कोरोना वायरस को लेकर सोशल मीडिया पर कई झूठी फोटो, वीडियो और तथ्य परोसे जा रहे हैं जिनसे बचने की जरूरत है। झूठ और अफवाहों से बचने के लिए वनइंडिया हिंदी आपको आगाह करता रहा है। इसी सीरीज में आइए जानते हैं उस फोटो की सच्चाई जिसे इंडोनेशिया के डॉक्टर हैदियो अली की आखिरी तस्वीर बताई जा रही है। भावुक कर देने वाली यह फोटो काफी वायरल हुई लेकिन इसके बारे में जो बताया गया वह झूठ है। फोटो में दिख रहा शख्स कोई और है। उसे मृत बताया गया जबकि वो जिंदा है।
वायरल फोटो में क्या बताया गया?
इस फोटो के बारे में बताया गया कि यह इंडोनेशिया के डॉक्टर हैदियो अली की आखिरी तस्वीर है जो कोरोना वायरस के मरीजों का इलाज करते हुए खुद संक्रमित हो गए और जब उनको लगा कि अब वो नहीं बचेंगे तब वे घर गए। वे गेट के बाहर खड़े होकर बच्चों और प्रेग्नेंट बीवी को आखिरी बार निहारते रहे फिर चले गए। बताया गया कि यह तस्वीर उनकी पत्नी ने खींची थी और डॉक्टर अपने बच्चों को जीभर देखकर उनसे विदा लेने आए थे। वे दूर ही खड़े रहे क्योंकि वह नहीं चाहते थे कि उनके बीवी-बच्चों तक कोरोना वायरस का संक्रमण पहुंचे। डॉ़क्टर हैदियो अली के बारे में बताया कि उन्होंने मानवता के लिए आत्मबलिदान दिया। इस फोटो को देखकर सोशल मीडिया पर लोग काफी भावुक हुए और इसे खूब वायरल किया लेकिन फैक्ट चेक में सब झूठ निकला।
फोटो और बात दोनों झूठ
फैक्ट चेकर साइट boomlive.in ने इसकी जांच में पाया कि यह फोटो और इसके साथ किया गया दावा, दोनों ही झूठ हैं। न तो फोटो में बताया गया शख्स डॉक्टर हैदियो अली है और न ही उनकी मौत हुई है। फोटो में दिख रहे डॉक्टर जीवित हैं और उनका नाम कुछ और है। यह फोटो इंडोनेशिया में भी वायरल हुआ था जिसमें यह कहा गया था कि 22 मार्च को उस देश के छह डॉक्टरों की मौत कोरोना वायरस से हो गई जिनमें डॉक्टर हैदियो अली भी शामिल थे। फैक्ट चेक के बाद यह सारी बातें झूठ निकलीं। 22 मार्च के बाद ही यह फोटो सोशल मीडिया पर दुनियाभर में वायरल होने लगी।
क्या है इस फोटो का सच?
रिवर्स इमेज सर्च करने पर इस फोटो के बारे में पता चला कि यह मलेशिया का डॉक्टर है जो कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज कर रहा है और वह अपने बच्चों से मिलने के दौरान दूरी बनाए हुए है। इसको अहमद इफेंडी जैलानुदीन नाम के मलेशिया के शख्स ने 21 मार्च को फेसबुक पर शेयर किया था। उन्होंने फोटो में दिख रहे डॉक्टर को अपना कजिन बताया था। जैलानुदीन से जब संपर्क किया गया तो उन्होंने असली फोटो भेजी और बताया कि उसमें दिख रहा डॉ़क्टर पूरी तरह स्वस्थ है व कोरोना वायरस के संक्रमण से बचा हुआ है। यह डॉक्टर मलेशिया के सेलांगोर स्थित हॉस्पिटल में कार्यरत हैं।
वायरल करने वाले ने माफी मांगी
इंडोनेशिया की फैक्ट चेकर साइट के मुताबिक यह फोटो पहली बार बिरगाल्डो सिनागा नाम के शख्स ने पोस्ट की थी। बिरगाल्डो ने इसे डॉक्टर हैदियो अली के मरने से पहले उनके परिवार के साथ बिताए आखिरी पलों की तस्वीर बताई थी। इस फेक फोटो को डिलीट कर बिरगाल्डो सिनागा ने फेसबुक पर माफी मांगी है।
Coronavirus की वजह से देश में नहीं लग रहा आपातकाल, Fake News है व्हाट्स एप पर आने वाला मैसेज