Fact Check: क्या है उत्तराखंड के जंगलों में लगी भीषण आग की सच्चाई?
नई दिल्ली: गर्मी का मौसम शुरू होते ही जंगलों में आग का सिलसिला शुरू हो गया है। इस दौरान सोशल मीडिया पर उत्तराखंड के जंगलों में भीषण आग लगने का दावा किया गया। इसके साथ ही कई फोटो और वीडियो शेयर किए गए। इन वायरल तस्वीरों में आग इतनी भयानक थी कि हर कोई शख्स उसे देखकर हैरान रह गया, लेकिन जब इन तस्वीरों की पड़ताल की गई, तो सच्चाई कुछ और ही निकली।
चीन की फोटो को किया वायरल
मामले में उत्तरांखड वन विभाग के मुख्य वन संरक्षक (मुख्यालय) बीके गांगटे ने वन इंडिया से बात करते हुए इस वायरल फोटो को फेक बताया है। उनके मुताबिक चीन और चिली में लगी आग की तस्वीरों को उत्तराखंड की तस्वीर बताकर वायरल किया जा रहा है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे ज्यादातर फोटो और वीडियो फेक हैं। बीके गांगटे के मुताबिक चीन के जंगलों में मार्च के अंत में आग लगी थी। इस दौरान 18 फायर फाइटर भी मारे गए थे। आग की उस घटना की फोटो को अब उत्तराखंड का बताकर वायरल किया जा रहा है। इसी तरह चिली के जंगलों में आग लगी थी, जिसमें 6 लोग मारे गए थे। उस घटना की फोटो को भी उत्तराखंड का बताकर वायरल किया जा रहा है।
आग की घटनाओं में कमी
मुख्य वन संरक्षक गांगटे के मुताबिक इस साल उत्तराखंड के जंगलों में आग की घटनाएं पिछले साल की तुलना में काफी कम हैं। अभी नैनीताल, अल्मोड़ा, टिहरी, मसूरी और पिथौरागढ़ के जंगलों में आग लगी है, लेकिन वो इतनी विकराल नहीं है, जितनी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही फोटो में दिखाया जा रहा है। उनके मुताबिक साल 2019 में 1600 हेक्टेयर जंगल की भूमि में आग लगी थी, जबकि इस साल अभी सिर्फ 102 हेक्टेयर में आग लगी है, जिस पर जल्द काबू पा लिया जाएगा।
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बारिश ने दी राहत
दरअसल इस बार मार्च और अप्रैल महीने में भी बारिश का सिलसिला जारी है। जिस वजह से आग नहीं लग रही है। वहीं जंगलों में मानवीय गतिविधियां जब ज्यादा होती थीं, तो लोग सिगरेट और बीड़ी बिना ठीक से बुझाए फेंक देते थे। जिस वजह से आग लग जाती थी। इस बार लॉकडाउन की वजह से लोग घरों में कैद हैं। जिस वजह से भी जंगलों में आग लगने की घटनाएं कम हैं।