Fact Check: क्या सच में प्रदर्शनकारियों ने कई जियो टॉवर्स में लगा दी है आग?
Fake News: सोशल मीडिया के इस दौर में सबसे बड़ी चुनौती है फर्जी खबरों और अफवाह से बचे रहना। फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सएप सहित अलग-अलग सोशल मीडिया अकाउंट पर वायरल होने वाली खबरों की पुष्टि करना इतना आसान नहीं हो पाता है। यही वजह है कि वनइंडिया ने फेक खबरों को बस्ट करने का अभियान शुरू किया है। इसी अभियान के तहत आज हम सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो की पड़ताल कर रहे हैं।
कृषि कानुनों के खिलाफ पिछले एक महीने से अधिक समय से किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और इन कानूनों को वापस लिए जने की मांग कर रहे हैं। किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया जिसमे दावा किया जा रहा है कि 100 से अधिक जियो टॉवर को प्रदर्शनकारियों ने तोड़ दिया। सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रहे वीडियो में दावा किया जा रहा है कि ये सभी टॉवर रिलायंस जियो के हैं, वीडियो में कैप्शन लिखा गया है किसान प्रदर्शन का अशर, जियो टॉवर में आग।
लेकिन जब हमने इस वीडियो की पड़ताल की तो यह पता चला कि जिस वीडियो को किसान प्रदर्शन का बताया जा रहा है वह दरअसल 2017 का है और इस वीडियो को देहरादून में शूट किया गया है। इस घटना के बारे में तमाम मीडिया संस्थानों ने रिपोर्ट किया था। यह वीडियो 29 जून 2017 का उत्तराखंड के देहरादून के वसंत विहार थाना क्षेत्र का है। जहां घर की छत पर लगे मोबाइल टॉवर में आग लग गई थी। यह आग शॉर्ट सर्किट की वजह से लगी थी। लिहाजा इस वीडियो से यह बात साफ है कि यह वीडियो किसान प्रदर्शन का नहीं बल्कि तीन साल पुराना है।
Fact Check
दावा
रिलायंस जियो के 100 टॉवर्स में किसान प्रदर्शनकारियों ने लगाई आग
नतीजा
दावा गलत, वीडियो 3 साल पुराना है।